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हाय रे गिरावट, 1 डॉलर हुआ 70.08 रुपए का, सचिव ने मुस्कराते हुए कहा, डरने की बात नहीं

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 14, 2018, 17:14 pm IST
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हाय रे गिरावट, 1 डॉलर हुआ 70.08 रुपए का, सचिव ने मुस्कराते हुए कहा, डरने की बात नहीं नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 70 के भाव के पार निकल गया. मजबूत शुरुआत के बाद कारोबार के दौरान रुपए में गिरावट बढ़ी और डॉलर के मुकाबले रुपया पहली पार 70 के पार निकल गया है. मंगलवार को रुपए ने अबतक का सबसे निचला स्तर 70.08 को छुआ है.

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, "मोदी जी ने वह कर दिखाया जो हम 70 साल में नहीं कर सके." कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी का 24 जुलाई 2012 का ट्वीट भी पोस्ट किया.उस वक्त मोदी ने कहा था, "यूपीए और रुपए में इस बात का कंपीटीशन नजर आ रहा है कि कौन ज्यादा गिरता है."

उधर, आम आदमी पार्टी ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाते हुए ट्वीट किया, 'जनता झेल रही है मार, रुपया पहुंचा 70 के पार, अब तो जागो मोदी सरकार!'

वहीं साल 2018 में रुपया अब तक 10 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो चुका है. आने वाले दिनों में भी गिरावट जारी रहने की आशंका है. हालांकि, मंगलवार को रुपए की शुरुआत 8 पैसे की बढ़त के साथ 69.85 के स्तर पर हुई थी.

सोमवार को ट्रेड वॉर का असर करंसी मार्केट पर नजर आया. तुर्की में आए आर्थिक एवं राजनैतिक संकट का असर ग्लोबल मार्केट पर जोरदार तरीके से पड़ा. तुर्की से मेटल इंपोर्ट पर अमेरिका द्वारा दोगुनी इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के फैसले के बाद फॉरेक्स मार्केट में भूचाल आ गया. तुर्की की करंसी लीरा जो कि पहले से ही बेहाल थी, अब निचले स्तर का नया रिकॉर्ड बना रही है. इस साल इसमें करीब 40 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. इसका असर भारतीय रुपये पर भी पड़ा है.

रुपया सोमवार को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. दिनभर कमजोर रहने के बाद 1.09 रुपए की कमजोरी के साथ डॉलर की तुलना में रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 69.93 के रिकॉर्ड स्तर पर आ गया. वहीं, मंगलवार को इसने 70 के स्तर को पार कर दिया. जहां तक गिरावट की बात है तो एक दिन में रुपए में 3 सितंबर 2013 के बाद की यह सबसे बड़ी गिरावट थी. फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, इम्पोर्टर्स और बैकों द्वारा डॉलर की डिमांड बढ़ने के साथ घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी से रुपए का सेंटीमेंट्स प्रभावित हुआ है.

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रुपये में जारी ऐतिहासिक गिरावट पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, 'स्थिति फिलहाल चिंताजनक नहीं है. यह गिरावट बाहरी कारकों की वजह से हो रही है, इसलिए आगे जाकर इसमें सुधार होने की उम्मीद है.

तुर्की की मुद्रा लीरा लगातार गिर रही है. सोमवार को लीरा यूएस डॉलर के मुकाबले 12% टूट गया जबकि शुक्रवार को उसमें 16% की गिरावट आई थी. वहीं, पूरे सप्ताह की ट्रेडिंग में लीरा 20% कमजोर हो गया. इतना ही नहीं, पिछले 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले लीरा का भाव आधा रह गया. दरअसल, तुर्की की अर्थव्यवस्था इस वक्त उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. इस बीच अमेरिका के इस कड़े रुख की वजह से निवेशकों में भगदड़ मच गई है.

रुपए ने बीते साल डॉलर की तुलना में 5.96 फीसदी की मजबूती दर्ज की थी, जो अब 2018 की शुरुआत से लगातार कमजोर हो रहा है. इस साल अब तक रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. वहीं, अगस्त महीने में ही डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक 1 रुपए 64 पैसे तक टूट चुका है.

आम आदमी पर क्या होगा असर
> भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट आयात करता है.
> रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात महंगा हो जाएगा.
> तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं.
> डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई में तेजी आ सकती है.
> इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है.
> रुपये के कमजोर होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं.

रुपए में कमजोरी की वजह
सीनियर एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, अमेरिका और चीन में ट्रेड वार बढ़ने के बीच ऑयल इम्पोर्टर्स के बीच डॉलर की डिमांड बढ़ी है, जिससे रुपए पर दबाव बना है. वहीं, अगले महीने अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है.
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