गूगल ने ग्लास साइंटिस्ट मार्गा फॉलस्टिच की 103वीं जयंती पर बनाया डूडल
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 16, 2018, 11:50 am IST
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नई दिल्लीः दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल आज ग्लास साइंटिस्ट फॉलस्टिच को याद कर रहा है. मार्गा फॉलस्टिच जर्मनी की वो महिला थीं जिन्हें शीशे की 300 किस्मों पर काम किया. गूगल ने आज उनकी 103वीं जयंती पर अपने होम पेज पर विज्ञान जगत में उनके योगदान को याद किया है. गूगल ने एक ग्लास और उससे जुड़े आविष्कारों के एक कोलाज का एक डूडल अपने होम पेज पर लगाया है.
मार्गा फॉलस्टिच का जन्म 16 जून 1915 को वेइमर में हुआ था। ये वक्त प्रथम विश्व युद्ध का था. पहले विश्व युद्ध के साये में ही मार्गा बड़ी हुई. 1922 में उनका परिवार जेना आ गया. यहां पर मार्गा ने हाई स्कूल की पढ़ाई की. 1935 में उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया. इसके बाद उन्होंने स्कॉट एजी के लिए लंबे समय तक काम किया. वे इस संस्था के साथ 44 सालों तक जुड़ी रही. स्कॉट एजी ऑप्टिकल लेंस और स्पेशल ग्लास बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनी थी. कंपनी में अपने शुरूआती सालों में मार्गा ने पतले फिल्म्स बनाने पर काम किया. मार्गा फॉलस्टीच द्वारा पतले फिल्म्स पर किये गये रिसर्च का इस्तेमाल आज भी सन ग्लासेज, एंटी रिफलेक्टिव लेंस और ग्लास फेस बनाने में किया जाता है. फॉलस्टिच की मेघा ने उन्हें तुरंत ही कंपनी में अच्छा मुकाम दिलाया. ग्रेजुएट असिस्टेंट से करियर की शुरुआत करने वाली फॉलस्टिच पहले टेकनिशियन बनीं, इसके बाद वे साइंटिफिक असिस्टेंट बनीं, आखिरकार उन्हें अपना मुकाम मिला और वे कंपनी में वैज्ञानिक बन गईं. इस बीच उनकी निजी जिंदगी में तूफान आया. पहले विश्व युद्ध की विभीषका में पली-बढ़ी मार्गा फॉलस्टिच पर दूसरे विश्व युद्ध का कहर टूटा. इस लड़ाई में उनके मंगेतर की मौत हो गई. इस घटना के बाद वे टूट गईं, कुछ दिनों तक वह अकेले रहीं और अपने बीते हुए कल को भूलने की कोशिश की. पर मार्गा जानती थी कि उनके जीवन का लक्ष्य विज्ञान की सेवा करना है. उन्होंने अपनी निजी जिंदगी की इस घटना का असर अपने पेशेवर जिंदगी पर नहीं पड़ने दिया. इसके बाद उनका पूरा फोकस विज्ञान की सेवा और अपने करियर पर रहा। 1942 में अपना काम जारी रखते हुए उन्हें रसायन शास्त्र की पढ़ाई की. इस कंपनी में 44 सालों तक काम करने के बाद वह 1979 में रिटायर हुईं। 1 फरवरी 1998 को 82 साल की उम्र में उनका निधन हुआ. मार्गा के नाम से 40 पेटेंट रजिस्टर्ड है. उनके बनाये गये ग्लास से माइक्रोस्कोप के विकास में मदद मिली. मार्गा के बनाये गये S4-64 लेंस के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया. |
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