सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग में प्रधानमंत्री मोदी ने संरक्षणवाद के खिलाफ दिया 'एक्ट ईस्ट' का नारा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 02, 2018, 10:29 am IST
Keywords: PM Narendra Modi Keynote speech Shangri-La Dialogue Singapore Modi three-nation tour प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शांगरी ला डायलॉग पूर्व की ओर
सिंगापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिंगापुर के शांगरी ला डायलॉग को संबोधित किया. ऐसा अवसर पाने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, हजारों सालों से भारतीय पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं. सिर्फ सूरज को देखने के लिए नहीं, बल्कि ये प्रार्थना करने को भी कि सूरज की रोशनी पूरे विश्व में फैले. भारत-प्रशांत क्षेत्र का विकास दुनिया को प्रभावित करेगा.
उन्होंने कहा, 'तीन साल पहले मैंने मॉरीशस में हमारे विजन को एक शब्द में बताया था- 'सागर'. SAGAR को सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर आल इन रिजन के तौर पर देखना चाहिए. ये एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत हमारा विजन है.' पीएम ने कहा, 'सिंगापुर आसियान के लिए हमारा स्प्रिंगबोर्ड है. पूर्व वैदिक काल से ही भारतीय चेतना में महासागरों की एक महत्वपूर्ण जगह थी. हिंद महासागर ने भारत के अधिकांश इतिहास को आकार दिया है. और अब हमारे भविष्य की चाभी भी इसके पास है.' मोदी ने कहा, 'हम सभी दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के साथ, राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा संबंधों को बढ़ा रहे हैं. भारत और चीन के संबंधों से एशिया और दुनिया का भविष्य बेहतर होगा.' उन्होंने कहा, 'हमारा मुख्य मिशन 2022 तक भारत को न्यू इंडिया में बदल देना है. यह युग अंतर-निर्भरता पर आधारित है. हमारी तकदीर और असफलताएं आपसी सहयोग पर निर्भर करती है. कोई भी राष्ट्र अकेले खुद को आकार नहीं दे सकता, न ही खुद को सुरक्षित रख सकता है. ये दुनिया आपसी सहयोग से आगे बढ़ने की है. क्या ये मुमकिन है? हां, ये मुमकिन है. मैं आसियान को उदाहरण के तौर पर देखता हूं.' पीएम मोदी ने कहा, 'भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत का दृष्टिकोण सकारात्मक है. भारत एक मुक्त, खुला, समावेशी इंडो-पैसेफिक क्षेत्र के साथ खड़ा है. जो हमें प्रगति और समृद्धि की ओर साथ ले चले. हम सभी को समुद्र का बिना भेदभाव के सामान्य तरीके से उपयोग कर लाभ उठाने का अधिकार होना चाहिए.' मोदी ने कहा, 'सुरक्षा की दीवारों के पीछे समाधान नहीं मिल सकते हैं. भारत खुले और स्थिर अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था के साथ खड़ा है. प्रतियोगिता सामान्य है, लेकिन प्रतियोगिताएं संघर्ष में नहीं बदलनी चाहिए. मतभेद कभी विवाद में नहीं बदलने चाहिए. जब हम एक साथ काम करेंगे तो हम अपने समय की वास्तविक चुनौतियों को पूरा करने में सक्षम होंगे. इतिहास में कई बुरे सबक मिले हैं. साथ ही ज्ञान का मार्ग भी मिला है.' सिंगापुर की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया प्रेस वक्तव्य His Excellency प्रधानमंत्री ली सियन लूंग, Distinguished Delegates, Members of the Media, सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री ली का आभार प्रकट करता हूँ। उनके आतिथ्य और सौहार्द्र के लिए। भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रति उनकी सतत चेष्टा के लिए। और निजी मित्रता के लिए भी। भारत-सिंगापुर के संबंध सच्चे अर्थों में सामरिक साझेदारी की कसौटी पर खरे उतरते हैं। हमारे संबंधों में कोई असहजता नहीं है, बल्कि केवल गर्मजोशी, सौहार्द और विश्वास है। आज की हमारी बातचीत में प्रधानमंत्री ली और मैंने साथ मिल कर हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को review किया, और भविष्य के roadmap के बारे में चर्चा की। मुझे विशेष रूप से हमारे Comprehensive Economic Cooperation Agreement के दूसरे review के पूरा होने पर प्रसन्नता है। लेकिन हम दोनों इस बात पर सहमत हैं, कि दूसरा review हमारी मंज़िल नहीं है, एक पड़ाव मात्र है। हमारे अधिकारी शीघ्र ही इस समझौते को और upgrade करने और सुधारने के लिए चर्चा शुरू करेंगे। भारत के लिए सिंगापुर Foreign Direct Investment का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। और भारत से विदेशों में होने वाले निवेश के लिए हमारा शीर्ष destination है। मुझे प्रसन्नता है कि भारतीय कंपनियां सिंगापुर का उपयोग ASEAN क्षेत्र एवं अन्य देशों के लिए spring-board के रूप में करती हैं। सिंगापुर की कंपनियों द्वारा भारत में निवेश बढ़ रहा है। भारत की उन्नति सिंगापुर को उसके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतुलनीय अवसर प्रदान करती है। कल शाम सिंगापुर की महत्वपूर्ण कंपनियों के CEOs के साथ round table पर मुझे भारत के प्रति उनके विश्वास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई। भारत और सिंगापुर के बीच Air traffic तेजी से बढ़ रहा है। दोनों पक्ष शीघ्र ही द्विपक्षीय air services agreement की समीक्षा शुरू करेंगे। हम दोनों ही अपनी digital partnership के शुरू होने से बहुत प्रसन्न हैं। यह असीमित संभावनाओं के साथ प्राकृतिक भागीदारी का क्षेत्र है। RuPay, BHIM और UPI-आधारित remittance app का सिंगापुर में कल शाम अंतर्राष्ट्रीय launch Digital India तथा हमारी भागीदारी की नवीनता की भावना को दर्शाता है। डिजिटल इंडिया के तहत भारत में हम एक डेटा सेंटर पोलिसी बनायेगे. आज मैं Nanyang Technological University में अनेक समझौते होते हुए देखूंगा, जो कि उच्च शिक्षा, science, technology और innovation में हमारे सहयोग को और बढ़ाएंगे। Skill Development, Planning और शहरी विकास के क्षेत्रों में हमारे सहयोग में अच्छी प्रगति हुई है। हमने भारत के 115 aspirational districts में पानी के लिए नई पहल की शुरूआत देखी है। आज और कल हमने जो agreement किए हैं वे इस सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाएंगे। ये ग्रामीण क्षेत्रों सहित भारत के युवाओं को अंततः लाभ पहुंचाएंगे। हमने अपनी सामरिक साझेदारी में defence और security के महत्व पर जोर दिया है। इन संबंधों में लगातार वृद्धि का हम स्वागत करते हैं। SIMBEX के 25वें वर्ष पर मैं भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं को बधाई देता हूँ। शीघ्र ही हम त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास भी शीघ्र शुरू करेंगे। बार-बार होने वाले अभ्यासों तथा नौसैनिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए नौसेनाओं के बीच logistics agreement संपन्न होने का भी मैं स्वागत करता हूं। आने वाले समय में Cyber security और अतिवाद तथा आतंकवाद से निपटना हमारे सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र होंगे। हम इन्हें अपने देशों के लिए सबसे बड़े खतरों में मानते हैं। प्रधान मंत्री ली और मैंने वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर अपनी चिंताओं को साझा किया। हम दोनों ने maritime security पर अपने सैद्धांतिक विचारों की पुनः पुष्टि की है और Rules Based Order के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। हमने खुले, स्थिर और उचित अंतर्राष्ट्रीय trade regime को बनाए रखने की जरूरत पर भी सहमति व्यक्त की है। मैंने ASEAN के नेतृत्व वाले संस्थानों के माध्यम सहित ASEAN unity के महत्व, उसकी केंद्रियता व क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया है। मैंने RCEP समझौते के शीघ्र होने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया तथा उचित, संतुलित तथा व्यापक एग्रीमेंट की आशा व्यक्त की। आज शाम Shangri La Dialogue में, मैं Indo-Pacific क्षेत्र में शांति और समृद्धि के प्रति भारत दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करना चाहता हूँ। Shangri-La Dialogue में निमंत्रण के लिए मैं प्रधानमंत्री ली को धन्यवाद देना चाहता हूँ। मैंने प्रधानमंत्री ली और उनकी पूरी टीम को सफलतापूर्वक Leadership Transition के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। मैं जानता हूँ कि सिंगापुर के नए नेता अपनी शानदार विरासत को जारी रखेंगे। और इस महान देश को जनसेवा की उसी भावना तथा परंपरा के साथ आगे ले जाएंगे। धन्यवाद। बहुत-बहुत धन्यवाद। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|