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तूतीकोरिन स्टरलाइट कॉपर प्लांट हमेशा के लिए बंद, वेदांता ने कहा 'दुभार्ग्यपूर्ण'
जनता जनार्दन संवाददाता ,
May 29, 2018, 15:19 pm IST
Keywords: Sterlite protests Vedanta Group Copper smelter plant Thoothukudi District Tuticorin Anti-Sterlite protesters Sterlite plant Sterlite plant shutdown तूतीकोरिन स्टरलाइट कॉपर प्लांट वेदांता लिमिटेड स्टरलाइट तांबा संयंत्र
![]() उधर वेदांता लिमिटेड ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण ’ करार दिया. इसने कहा कि वह इस फैसले के अध्ययन के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में विचार करेगा. सरकारी आदेश में कहा गया है, 'तमिलनाडु सरकार ने स्टारलाइट प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया है. अम्मा (जयललिता) 'जनता के द्वारा, जनता के लिए' के नारे और भावना के साथ काम कर करती थीं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी द्वारा दिए यूनिट को बंद करने का आदेश इसी नारे पर आधारित है.' इधर, सुप्रीम कोर्ट ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट के तांबा पिघलाने के संयंत्र के आसपास भूजल में आर्सेनिक और कैडमियम प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयासों के बारे में तमिलनाडु सरकार को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई से सोमवार को इंकार कर दिया. विरोध प्रदर्शन में 13 की हुई थी मौत वेदान्ता समूह द्वारा संचालित स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के इस संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में कम से कम 13 व्यक्ति मारे गये और सैकड़ों जख्मी हुए, जिसके बाद पूरे प्रदेश में तनाव व्याप्त हो गया था. दरअसल, स्थानीय लोग कथित प्रदूषण से स्वास्थ संबंधी अनेक परेशानियों और गिरते हुये भूजल स्तर को लेकर यह संयंत्र बंद करने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद सरकार ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए इस स्टारलाइट प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया. कोर्ट शीघ्र सुनवाई करने से किया इनकार सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के मामले को लेकर हुई सुनवाई पर जल्दी सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इनकार कर दिया. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम एम शांतागौडार की पीठ ने कहा कि इस याचिका पर ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई में सामान्य प्रक्रिया में सुनवाई की जायेगी. यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता पी शिव कुमार ने अपने वकील एन राजारमण के माध्यम से दायर की है. उन्होंने पुलिस और दूसरे लोगों के बीच होने वाली झड़प में मारे गये लोगों की सूचना दर्ज करने संबंधी राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों पर अमल के संदर्भ में तूतीकोरिन पुलिस की फायरिंग में 22 और 23 मई को 13 व्यक्तियों की मृत्यु को दर्ज करने के बारे में भी स्थित रिपोर्ट पेश करने का राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है. पिछले सप्ताह अधिवक्ता जी एस मणि ने भी तमिलनाडु में स्टरलाइट के खिलाफ आयोजित रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों की मृत्यु की न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने के लिये शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. इस याचिका में तूतीकोरिन के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या के कथित अपराध के लिये प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. रविवार को ही तमिलनाडु सरकार ने नरम रुख दिखाते हुए धारा 144 हटाने का आदेश दिया था. दरअसल, विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी. 23 मई को निषेधाज्ञा (धारा 144) लगाई गई थी. राज्य के सूचना एवं प्रचार मंत्री के. राजू ने बताया कि फैक्टरी 9 अप्रैल को बंद कर दी गई थी क्योंकि इसके लाइसेंस के नवीकरण की अर्जी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने खारिज कर दी थी. साथ ही यह फैक्ट्री को बंद करने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने मृतकों के परिवारों के सदस्य को नौकरी देने की भी घोषणा की है. |
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