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खाली एटीएम, कैश की किल्लत, लोग परेशान, पर सरकार कह रही डरने की बात नहीं

अजय पुंज , Apr 18, 2018, 9:37 am IST
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खाली एटीएम, कैश की किल्लत, लोग परेशान, पर सरकार कह रही डरने की बात नहीं नई दिल्लीः देशभर में फिर से अचानक उभरे कैशसंकट ने आम आदमी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. देश के कई राज्यों में एटीएम, बैंक में पैसा नहीं है जिसके कारण लोगों को कैश के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से कैश की भारी किल्लत देखने को मिली है. सरकार भी इस विषय को लेकर हरकत में आ गई है. वित्त मंत्री से लेकर आर्थिक मामलों के सचिव तक को बयान देना पड़ा है. सरकार अपना बचाव कर रही है तो वहीं विपक्ष इसे नोटबंदी का असर बता रहा है.

राहुल गांधी ने तो इस पर कविता तक शेयर कर डाली. वहीं, सरकार का दावा है कि देश में कैश की स्थिति की समीक्षा की गई है. देश में पर्याप्त मात्रा में कैश मौजूद है, बैंकों में भी कैश उपलब्ध है. लेकिन, हकीकत में कैश की कमी के कारण क्या हैं?

दिल्ली में भी कैश संकट दिखाई पड़ रहा है. कई जगहों पर कैश नहीं है तो वहीं कुछ जगहों पर गिने-चुने नोट ही निकल रहे हैं. उदाहरण के तौर पर एक व्यक्ति ने कहा कि वह 5000 रुपए निकालने आया था, लेकिन चार हज़ार ही निकाल पाया है.

लखनऊ में कैश संकट की बड़ी स्थिति नहीं दिखाई पड़ रही है. लखनऊ के अधिकतर इलाकों में एटीएम में कैश मौजूद है. हालांकि, मंगलवार को यहां भी कई जगह कैश उपलब्ध नहीं था.

पटना में मंगलवार तक कई एटीएम में कैश नहीं था. लेकिन आज एटीएम में 100 और 2000 के नोट निकल रहे हैं.

मुंबई के कई प्राइवेट बैंक एटीएम में कैश भरपूर मात्रा में है. लेकिन सरकारी बैंकों के एटीएम अभी भी खाली पड़े हैं. परेल जंक्शन के पास के सभी बैंक शाखाओं में 2000 के नोट समेत कैश मौजूद है. मुंबई के कई इलाकों में लगभग हर दूसरे एटीएम में कैश की कमी है.

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से इस प्रकार की शिकायतें आ रही थीं. लेकिन मंगलवार को अचानक पूरे देश में कैश की कमी से हड़कंप मच गया. जिसके बाद सरकार, आरबीआई सभी को अचानक एक्टिव होना पड़ा.

देश की राजधानी समेत समूचा एनसीआर इलाका भी आने वाले दिनों में कैश के संकट से जूझ सकता है. बताया जा रहा है कि पिछले 6 दिनों से एनसीआर के बैंकों और एटीएम में कैश की सप्लाई नहीं हुई है. दरअसल, एक महीने पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों के एक सर्कल से दूसरे सर्कल में ज्यादा कैश ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी थी.

दिल्ली राजधानी क्षेत्र के बैंकों का कहना है कि इस समय उसे आरबीआई की ओर से उसे 200 और 100 के नोट मुहैया कराए जा रहे हैं. बैंकों का कहना है कि 2000 के नोट छोड़िए, 500 के नोट भी काफी कम मात्रा में आ रहे हैं. यहां पर आखिरी बार पिछले बुधवार को कैश सप्लाई किया गया था और इसमें भी जितनी इन बैंकों को जरूरत होती है, उनका केवल 30 फीसदी ही दिया गया था.

जानकारी के मुताबिक इस समय देश भर में सारे एटीएम में से आठ फीसदी एटीएम में कैश नहीं है. इस समय देश में कुल एटीएम के 25 फीसदी एटीएम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास हैं और उसके भी 16 फीसदी एटीएम में पैसा नहीं है.

त्योहारी सीजन होने की वजह से एक बार फिर एटीएम और बैंकों में नकदी निकालने के लिए लाइन लगने लगी हैं. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, गुजरात के बैंकों और एटीएम में कैश की दिक्कत सामने आ रही है और अब कहा जा रहा है कि दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और गुड़गांव भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.

हालांकि, मंगलवार को कैश संकट पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की ओर से सफाई पेश की है. जेटली ने कहा है कि उन्होंने पूरी स्थिति की समीक्षा की है और इस समय देश में कैश की कमी नहीं है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ कुछ जगहों पर अचानक मांग बढ़ जाने से ये दिक्कत सामने आई है.

कैश संकट पर वित्तमंत्री के बाद अब आरबीआई का भी बयान आया है. आरबीआई ने कहा है कि देश में कैश का कोई संकट नहीं है. बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में कैश मौजूद है. सिर्फ कुछ एटीएम में ही लॉजिस्टिक समस्या के कारण ये संकट पैदा हो गया है.

आरबीआई ने कहा कि एटीएम के अलावा बैंक ब्रांच में भी भरपूर मात्रा में कैश मौजूद है. आरबीआई ने सभी बैंकों को आदेश दिया है कि वह एटीएम में कैश की व्यवस्था करे. आरबीआई ने कहा है कि मार्च-अप्रैल के दौरान इस प्रकार की समस्या आती है पिछले साल भी ऐसा हुआ था. ये समस्या सिर्फ एक-दो दिनों के लिए ही है.

कैश संकट की असली वजहः
 
फाइनेंस रेज्यूलूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल
फाइनेंस रेज्यूलूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (FRDI) बिल, 2017 के आने की अफवाह उड़ी. देश के कई हिस्सों में इसके आने की सुगबुगाहट हुई. अफवाह यह भी उड़ी कि इस बिल के कानून बनने से बैंकों में जमा किया पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा. सरकार ने इसका खंडन किया, लेकिन लोग एटीएम और बैंकों से अपना पैसा निकालने दौड़ पड़े.

घोटालों का डर
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने पीएनबी को जो चूना लगाया. वह डर लोगों को मन में बैठ गया है. हर कोई अपनी मेहनत की कमाई को घोटाले में डूब जाने के डर से पैसा निकाल रहा है. लोगों की नजर में बैंकिंग सिस्टम फेल हो रहा है. बैंकों से भरोसा उठने की वजह से लोग कैश डिपॉजिट करने से बचने लगे हैं. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इसी डर से लोगों ने पैसा निकालने शुरू किए और एक के बाद एक एटीएम खाली होते गए.

2000 के नोट की कमी
आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग के मुताबिक, 2000 रुपए के नोटों की कमी आई है, लेकिन काला धन जमा होने की आशंका नहीं है. 'अभी सिस्टम में 2000 रुपए के 6 लाख 70 हजार करोड़ नोट हैं. हालांकि, 2000 रुपए के नोट का सर्कुलेशन घटा है. लेकिन, अनुमान यह है कि बड़े नोट जमा करने में आसानी होती है. इसलिए लोग बचत की रकम 2000 रुपए के नोटों में ही जमा कर रहे हैं.

चार गुना नोटों की निकासी
आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कुछ हिस्सों में नोटों की कमी को कमोबेश स्थानीय प्रबंधन से उपजी समस्या करार दिया. उन्होंने बताया, 'देश में 4 हजार करंसी चेस्ट हैं. वहीं पैसे आते हैं, रखे जाते हैं और वहां से वितरित होते हैं. इसलिए, हर चेस्ट की मॉनिटरिंग हो रही है. जिस चेस्ट में कैश की कमी हो रही होगी, वहां पर्याप्त कैश पहुंचाया जाएगा.'

स्थानीय प्रबंधन में खामी
एससी गर्ग के मुताबिक, कुछ हिस्सों में नोटों की कमी को स्थानीय प्रबंधन की खामियों की वजह से उपजी है. उन्होंने बताया, देश में 4 हजार करंसी चेस्ट हैं. वहीं पैसे आते हैं, रखे जाते हैं और वहां से वितरित होते हैं. इसलिए, हर चेस्ट की मॉनिटरिंग हो रही है. जिस चेस्ट में कैश की कमी हो रही होगी, वहां पर्याप्त कैश पहुंचाया जाएगा.

बैंक डिपॉजिट में कमी
एटीएम खाली होने का एक कारण बैंक जमा में वृद्धि दर में गिरावट भी है. वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक डिपॉजिट ग्रोथ घटकर 6.7% पर आ गई जो साल 2016-17 के दौरान 15.3% रही थी. इसके उलट बैंकों से पैसे ज्यादा निकले. वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक क्रेडिट में 8.2% की वृद्धि दर्ज की गई थी जो 2017-18 में बढ़कर 10.3 प्रतिशत रही.

किसानों को भुगतान
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि अचानक नोटों की कमी का कारण किसानों को भुगतान की रकम बढ़ना भी है. उन्होंने कहा कि हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. एक विभाग इस तरह के मामलों पर नजर रखता है.

आरबीआई का क्या है तर्क
आरबीआई का कहना है कि उसके पास पर्याप्त नकदी है. लॉजिस्टिक वजहों से कुछ राज्यों में एटीएम में नकदी भरने और कैलिब्रेशन की प्रक्रिया जारी रहने से दिक्कतें हैं. फिर भी सभी चार नोट प्रेसों में छपाई तेज कर दी गई है. संदेह है कि दो हजार के नोटों की जमाखोरी हो रही. निपटने को 500 के नोटों की छपाई 5 गुना बढ़ाई जाएगी.
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