शी जिनपिंगः ताउम्र चीन के राष्ट्रपति बने रहेंगे, दिखाऊ संसद ने बदला कानून
जनता जनार्दन डेस्क ,
Mar 11, 2018, 17:31 pm IST
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बीजिंगः चीन की राजनीति में एक बड़ा बदलाव हुआ है. बदलाव यह है कि वहां के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताउम्र राष्ट्रपति बने रहेंगे. न सिर्फ राष्ट्रपति बल्कि उपराष्ट्रपति भी जिंदगी भर अपने पद पर बने रहेंगे. अभी तक वहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सिर्फ दो कार्यकाल तक ही अपने पद पर बने रह सकते थे.
सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की ओर से प्रस्तावित संविधान संशोधन को पारित होने की बात पहले से तय मानी जा रही थी. आखिरकार वैसा हुआ भी. रविवार को इस संविधान संसद को संसद से मंजूरी मिल गई. चीन की संसद ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए दो कार्यकाल की अनिवार्यता खत्म कर दिया है. इस बदलाव से शी जिनपिंग इस पद पर जिंदगी भर बने रह सकते हैं. इस समय शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल चल रहा है. दूसरा कार्यकाल 2023 में पूरा होगा. संसद के सालाना सत्र से पहले कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की सीमा को हटाने का प्रस्ताव पेश किया. जिससे मतदान के बाद मंजूरी दी गई. चीन में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के करीब 3,000 सांसदों में से दो-तिहाई बहुमत ने दो कार्यकाल की अनिवार्यता को खत्म करने के पक्ष में वोट किया. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष संगठन सात सदस्यीय स्थाई समिति ने इस संशोधन को मंजूरी दे दी है. एनपीसी को देश के अधिकार विहीन संसद के रूप में देखा जाता है, जो हमेशा सीपीसी के सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे देता है. ऐसे में इस संविधान संशोधन के भी संसद में बिना किसी रुकावट के ध्वनिमत से पारित होने की पूरी संभावना पहले से ही थी. सबसे पहले डेंग जियोपिंग ने दो कार्यकाल की अनिवार्यता शुरू की थी ताकि तानाशाही से बचा जा सके. संविधान संशोधन के बाद 64 साल के जिनपिंग के जीवन भर चीन का नेता बने रहने के रास्ते का रोड़ा समाप्त हो जाएगा. फिलहाल उनका पांच साल का दूसरा कार्यकाल चल रहा है और मौजूदा प्रणाली के तहत वह शासन के 10 साल पूरे होने के बाद 2023 में रिटायर हो जाएंगे. माओ के बाद शी को देश का सबसे मजबूत नेता माना जाने लगा है, क्योंकि वह देश के राष्ट्रपति होने के अलावा सीपीसी और सेना दोनों के प्रमुख भी हैं. शी जिनपिंग का चीन की राजनीति में क्या रुतबा है, इसका पता इसी बात से चलता है कि चीनी संविधान में शी को चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता और संस्थापक माओत्से तुंग के बराबर दर्जा दिया गया है. 2012 में चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद से शी का दबदबा लगातार बढ़ता गया, और अब वे सर्वोच्च हो गए हैं. शी जिनपिंग के जीवन पर एक नजर
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