कमांडो कार्पोरल ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित करने के बाद रो पड़े राष्ट्रपति कोविंद
जनता जनार्दन रक्षा संवाददाता ,
Jan 26, 2018, 17:44 pm IST
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नई दिल्ली: देश भर में गणतंत्र दिवस की धूम है, मगर इन सबके बीच आज लता मंगेशकर का अमर गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी' चरितार्थ होता दिखा. वहां मौजूद तमाम लोगों सहित टीवी पर राष्ट्रीय प्रसारण देख रहे लोग भी भावुक हो गए. हुआ यह कि जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वायुसेना के गरूड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत शांति के दौरान सबसे बड़े सम्मान 'अशोक चक्र' से सम्मानित कर रहे थे, तब एक और दिलों को छू लेने वाला भावुक नजारा देखने को मिला.
दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज वायुसेना के गरूड़ कमांडो कार्पोरल ज्योति प्रकाश निराला को देश में शांतिकाल का सर्वोच्च सैन्य सम्मान अशोक चक्र, मरणोपरांत देने के बाद भावुक हो गये. कार्पोरल निराला ने जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा में दो आतंकवादियों को धराशाई करने के बाद अपने प्राणों को बलिदान कर दिया था. कार्पोरल निराला की पत्नी सुषमानंद एवं उनकी मां मालती देवी को गणतंत्र दिवस परेड में पुरस्कार देने के बाद राष्ट्रपति को रूमाल से अपना चेहरा एवं आंखें पोंछते नजर आये. कार्पोरल निराला भारतीय वायु सेना के गरूड़ विशेष बल इकाई के अंग थे. इसका एक हिस्सा रक्षक आपरेशन के दौरान राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन से जुड़ा था. पिछले साल 18 नवंबर को बांदीपोरा के चंदरगेर गांव में घात लगाकर किये गये हमले में कार्पोरल निराला गोलियों से घायल हो गये. किंतु घायल होने के बावजूद उन्होंने जवाब में गोलीबारी की. बाद में उनकी गोलियों के घाव के कारण जान चली गई. बता दें कि ज्योति प्रकाश निराला बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले थे, उन्होंने 2005 में भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी. |
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