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कश्मीर में शांति लानी है तो सियासी पहल और सैन्य अभियान को साथ-साथ चलना होगाः जनरल बिपिन रावत

कश्मीर में शांति लानी है तो सियासी पहल और सैन्य अभियान को साथ-साथ चलना होगाः जनरल बिपिन रावत नई दिल्लीः भारतीय सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में स्थायी तौर पर शांति स्थापित करने के लिए नया फार्मूला सुझाया है. उन्होंने कहा है कि सेना केवल पुरानी नीतियों पर नहीं चल सकती है, कुछ नए तरीके अपनाने पड़ेंगे.

जनरल रावत ने कहा है कि इसके साथ ही पाकिस्तान पर सीमापार से आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए भी दबाव बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि सेना केवल पुरानी नीतियों पर नहीं चल सकती है, कुछ नया करना होगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रावत ने कहा है कि सेना यथास्थिति बनाए नहीं रख सकती है. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए नए तौर-तरीके तलाशने होंगे.

भारतीय सेना प्रमुख ने कहा है, 'हमारा मुख्य मकसद आतंकियों और कश्मीर में परेशानियां पैदा करने वालों पर दबाव बनाना है.' सेना प्रमुख ने कहा कि एक साल पहले उनके पद संभालने के बाद से हालात बेहतर हुए हैं.

केंद्र सरकार ने पूर्व आईबी प्रमुख रह चुके दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है. इस पर रावत ने कहा, 'सरकार का वार्ताकार नियुक्त करने का एक मकसद था. वह सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कश्मीर के लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे और देखेंगे कि किन शिकायतों को राजनीतिक स्तर पर सुलझाया जा सकता है.'

इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बीते 12 जनवरी को कहा था कि अगर सरकार कहे तो सेना पाकिस्तान के परमाणु झांसों को धता बताने और किसी भी अभियान के लिए सीमापार करने को तैयार है. जनरल रावत ने कहा कि हम पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की बातों को चुनौती देंगे.

उन्होंने कहा, ‘अगर हमें वाकई पाकिस्तानियों का सामना करना पड़ा और हमें ऐसा काम दिया गया तो हम यह नहीं कहेंगे कि हम सीमा पार नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास परमाणु हथियार हैं. हमें उनकी परमाणु हथियारों की बातों को धता बताना होगा.’

सेना प्रमुख ने कहा, ‘हम प्रस्ताव के विभिन्न आयामों का अध्ययन रहे हैं.’ उनसे यहां एक संवाददाता सम्मेलन में सीमा पर हालात बिगड़ने की स्थिति में पाकिस्तान द्वारा उसके परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना पर सवाल पूछा गया था.

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि सैन्य बल पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघनों का करारा जवाब दे रहे हैं और लक्ष्य पाकिस्तान को आतंकी समूहों के समर्थन के दुष्परिणाम महसूस कराना है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी ‘इस्तेमाल कर फेंकने लायक सामान’ हैं और भारतीय सेना गोलीबारी की आड़ में आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने वाली पाकिस्तानी सेना की चौकियों को दंडित करने पर ध्यान दे रही है.

जनरल रावत ने कहा, ‘हमारा रुख पाकिस्तानी सेना को दुष्परिणाम महसूस कराना है.’ उन्होंने कहा, ‘जब तक पाकिस्तान दुष्परिणाम महसूस नहीं करता, वह आतंकियों को भेजता रहेगा जो उनके लिए उपयोग कर फेंकने लायक सामान हैं. हम आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने वाली पाकिस्तानी चौकियों को तबाह करते रहेंगे. जवाबी गोलीबारी में पाकिस्तान को तीन-चार गुना ज्यादा नुकसान हुआ है.’

सेना प्रमुख ने कहा कि सेना पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के झांसे को चुनौती देगी. उन्होंने कहा, ‘हम इसे चुनौती देंगे. अगर हमें सच में पाकिस्तानियों से टकराना हो और हमें देश कोई काम दे तो हम यह नहीं कहेंगे कि उनके पास परमाणु हथियार होने के कारण हम सीमा पार नहीं कर सकते. हमें उनके परमाणु हथियारों के झांसे को चुनौती देनी होगी.’

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही सेना प्रमुख ने पाकिस्तान की घुसपैठ पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि पाकिस्तान केवल गीदड़ भभकी देता है. इसके अलावा उन्होंने चीन के बारे में कहा था कि चीन एक ताकतवर देश है, लेकिन भारत भी कमजोर नहीं है.
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