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मधुबनी पेंटिंग से सजेंगे शहर के सभी सरकारी भवन
जनता जनार्दन डेस्क ,
Nov 10, 2017, 20:07 pm IST
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![]() मधुबनी के जिलाधिकारी शीर्ष कपिल अशोक ने आईएएनएस को बताया कि मधुबनी की पहचान देश और दुनिया तक में ‘मधुबनी पेंटिंग’ के जरिए है। यहां आने वाले बाहर के लोगों को यहां आने के बाद यह लगना चाहिए कि इसी क्षेत्र की विरासत और वर्तमान में मधुबनी पेंटिंग रची-बसी है, यही कारण है कि यहां के सभी सरकारी भवनों की दीवारों पर स्थानीय कलाकारों द्वारा मधुबनी पेंटिंग कराने की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले लोग न केवल मधुबनी पेंटिंग को देखकर जान और समझ सकेंगे, बल्कि इस क्षेत्र की पुरानी कहानियां और स्थानीय सामाजिक सरोकारों से भी रू-ब-रू होंगे। कपिल कहते हैं कि इससे स्थानीय कलाकारों को न केवल एक प्लेटफॉर्म मिलेगा, बल्कि उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने का भी मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिला अतिथिगृह से इसकी शुरुआत की जा रही है, क्योंकि बाहर के कई लोग यहां आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि यहां ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा पेंटिग कार्य किया जाएगा। उन्होंने भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी से अतिथिगृह पर पेंटिग कार्य को शीघ्र शुरू करने हेतु आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। कलाकारों को पारिश्रमिक दिए जाने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए कलाकारों और अधिकारियों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मधुबनी पेंटिंग के गढ़ माने जाने वाले मधुबनी जिला के जितवारपुर गांव को हस्तशिल्प विभाग द्वारा पहले ही ‘शिल्पग्राम’ घोषित किया गया है। जिला प्रशासन इस गांव के प्रत्येक घर के बाहर लोगों से मधुबनी पेंटिंग कराने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। उल्लेखनीय है कि इस गांव की तीन कलाकारों जगदंबा देवी, सीता देवी और बौआ देवी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। जिला प्रशासन की अपील के बाद जितवारपुर गांव में लोग अपने-अपने घरों की दीवारों में मधुबनी पेंटिग बना रहे हैं। प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल इस गांव की पहचान बनेगी बल्कि, पर्यटकों को भी यहां आने के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। जितवारपुर गांव के घर की दीवारों पर जहां रामचरित मानस के सीता जन्म, राम-सीता वाटिका मिलन, धनुष भंग, जयमाल और सीता की विदाई को दिखाया जा रहा है, वहीं कृष्णलीला के तहत कृष्ण के जन्म के बाद उनके पिता द्वारा उनको यमुना पार कर मथुरा ले जाना, माखन चोरी, कालिया मर्दन , राधा कृष्ण प्रेमलाप को भी बड़े मनोयोग से प्रदर्शित करने की कलाकारों द्वारा कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में महाकवि विद्यापति और मिथिला लोक नृत्य, मिथिला लोक कलाओं को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। कपिल कहते हैं कि मधुबनी पेंटिंग को ऑनलाइन बाजार उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल का भी निर्माण कराया जाएगा, जिससे शिल्पियों को उचित लाभ मिल सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में पूर्व मध्य रेलवे के मधुबनी रेलवे स्टेशन की दीवारों पर एक गैर सरकारी संस्था की पहल पर 7,000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में मधुबनी पेंटिंग उकेरी गई है, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपना श्रमदान किया है। |
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