सोनपुरः दुनिया के सबसे बड़े पशु मेले में इस साल नहीं चहकेंगी चिड़ियां
जनता जनार्दन डेस्क ,
Nov 01, 2017, 12:28 pm IST
Keywords: Sonpur animal fair Sonpur Mela Sonpur Pashu Mela Bird Glittering सोनपुर मेला चिड़ियों की चहचहाहट हाथी दौड़ प्रतियोगिता चिड़िया बाजार
पटना: बिहार के विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में इस बार आने वाले लोगों को न ही चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देगी और न ही खरीदार देश-विदेश की चिड़ियों को ही खरीद सकेंगे। यही नहीं, इस वर्ष हाथी दौड़ प्रतियोगिता भी नहीं होगी। हाथी केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ही दिखाई देंगे।
न्यायालय के आदेश पर प्रशासन ने सोनपुर मेले में आकर्षण का केंद्र 'चिड़िया बाजार' पर रोक लगा दी गई है। सोनपुर में लगने वाला पशु मेला इस बार दो नवंबर से शुरू हो रहा है। करीब एक माह तक चलने वाला यह मेला इस बार 32 दिनों का होगा। इस मेले में गाय, भैंस, घोड़े समेत अनेक पशुओं को बिक्री के लिए लाया जाता है। सोनपुर मेले में चिड़ियों की खरीद-बिक्री को रोक लगाने के लिए पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत चिड़ियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के आदेश सरकार सरकार को दिए हैं। कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होनेवाले इस मेले में दुनियाभर से लोग आते हैं। इसमें एक से बढ़ कर एक पशु-पक्षी खरीद-बिक्री होती है, लेकिन इस बार पक्षियों की बिक्री इस मेले में नहीं होगी। पहले यहां तोता सहित कई पक्षियों की कई तरह की वेराइटी खरीदारों को मिल जाती थी तथा आने वाले बच्चे भी इस बाजार में पक्षियों को देखकर मनोरंजन करते थे। इसी तरह मोर, गौरैया, मैना, साइबेरियन, पहाड़ी मैना, कोयल समेत अनेक पक्षी को भी बिक्री के लिए लाया जाता था, जिस कारण इस मेले में लगने वाले बाजार को 'चिड़िया बाजार' का नाम दिया गया था। सारण के जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा कि इस बार हाथी की भी कोई प्रतियोगिता नहीं होगी और न ही पशु क्रूरता नियम का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि चिड़िया बाजार को भी बंद कर दिया गया है। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोनपुर मेले में पक्षियों की बिक्री पर रोक के पालन करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में वन के अधिकारी के अलावा पुलिस अधिकारी, स्वयंसेवी संस्था के एक सदस्य और दंडाधिकारियों को रखा गया है। इस पशु मेले की ख्याति विदेशों तक में है। पहले इस मेले में हाथी सहित अन्य पशुओं को खरीदने के लोग दूर-दूर से आते थे। पूर्णिमा के दिन हाथी स्नान और हाथी दौड़ प्रतियोगिता को देखने के लिए विदेशों से भी लोग आते रहे हैं। सारण जिला प्रशासन का कहना है कि इस वर्ष शाही स्नान और केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हाथी लाए जाएंगे और इसके अलावा किसी भी हाल में हाथियों की सार्वजनिक प्रदर्शनी नहीं लगाई जाएगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दो नवंबर को इस मेले का उद्घाटन करेंगे। इस मेले को ऐतिहासिक बनाने में पर्यटन विभाग जुटा हुआ है। राज्य पर्यटन विभाग आने वाले लोगों का सुविधा मुहैया कराने के लिए विशेष टूर पैकेज की घोषणा की है। पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक जयनाथ महतो ने बताया कि इन पैकजों में कई तरह की श्रेणियां रखी गई हैं। इसके लिए बुकिंग शुरू कर दी गई है। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|