विशाल सिक्का ने इन्फोसिस के सीईओ-एमडी पद से दिया इस्तीफा, शेयर लुढ़के

जनता जनार्दन डेस्क , Aug 18, 2017, 11:56 am IST
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विशाल सिक्का ने इन्फोसिस के सीईओ-एमडी पद से दिया इस्तीफा, शेयर लुढ़के नई दिल्ली: देश की बेहतरीन आईटी कंपनियों में शुमार इंफोसिस में एक बार फिर उठा पटक हुआ. खबर है कि इंफोसिस के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और सीईओ (CEO) विशाल सिक्का ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कंपनी ने यू बी प्रवीन राव को कंपनी का अंतरिम मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया है. सिक्का ने इस्‍तीफा ऐसे वक्‍त में दिया है जब पिछले कुछ महीनों से इंफोसिस के संस्‍थापक सदस्‍यों और सीईओ के बीच मतभेद की खबरें आती रही हैं. आखिर उन्होंने क्यों इस्तीफा दिया. ये हैं खास वजहें....

* इंफोसिस के संस्थापकों तथा कंपनी के निदेशक मंडल के बीच फरवरी में वेतन को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. कंपनी के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने वेतन तथा कामकाज के संचालन को लेकर सवाल उठाया था. मूर्ति ने कहा था, 'मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि प्रबंधन मुझे चिंतित नहीं कर रहा है. मुझे लगता है कि हम सीईओ सिक्का से खुश हैं. वह अच्छा काम कर रहे हैं. हालांकि हममें से कुछ जैसे कि संस्थापकों, वरिष्ठों तथा इंफोसिस से पूर्व में जुड़े रहे लोगों को यह बात चिंतित कर रही है कि कामकाज के संचालन यानी गवर्नेंस की कुछ चीजें ऐसी हैं जो बेहतर हो सकती थीं.'

* मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मूर्ति तथा दो अन्य सह-संस्थापकों नंदन नीलेकणि एवं एस गोपालकृष्णन ने कंपनी के निदेशक मंडल को पत्र लिखकर पूछा था कि सिक्का का वेतन क्यों बढ़ाया गया और कंपनी छोड़ने वाले दो टॉप अधिकारियों को अलग होने का इतना भारी पैकेज क्यों दिया गया? सिक्का को पिछले साल मूल वेतन, बोनस और लाभ के रूप में 48.7 करोड़ रुपए दिए गए. वहीं 2015 की आंशिक अवधि में उनका मूल वेतन 4.5 करोड़ रुपये था.

* मूर्ति ने पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को कंपनी से अलग होने के लिए 30 माह के पैकेज के रूप में 23 करोड़ रुपए दिए जाने पर भी सवाल उठाया था. मूर्ति ने कहा कि इंफोसिस में दो सीएफओ थे जो कंपनी छोड़ गए थे. बोर्ड में अन्य वरिष्ठ लोग मसलन वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदि थे, जिनके पास ऐसी प्रतिस्पर्धी सूचनाएं थीं, लेकिन हमने उन्हें कुछ भुगतान नहीं किया था. इससे कुछ असमंजस की स्थिति पैदा हुई.

* बाजार में उस वक्‍त ऐसी अटकलें थीं कि बंसल को यह भुगतान इसलिए किया गया क्योंकि उनके पास इंफोसिस को नुकसान पहुंचाने के बारे में सूचना थी, मूर्ति ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि यह मामला नहीं हो. उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकारियों मोहन दास पई, अशोक वेमुरी, वी बालकृष्णन और बी जी श्रीनिवास को कभी कंपनी से अलग होने के लिए पैकेज नहीं दिया गया.
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