निर्जला एकादशी: इस एकादशी व्रत से भीम को मिला स्वर्ग, आप भी पाएं लाभ
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jun 05, 2017, 13:17 pm IST
Keywords: Ekadashi Lord Vishnu Fast महाभारत भीम एकादशी निर्जला एकादशी Puran katha Nirjala Ekadashi Mahabharat Ekadashi vrat
नई दिल्ली: पांचों पांडवों में भीमसेन सबसे अधिक खाने वाले थे। इनके लिए सबसे कठिन कार्य था भूखे रहना। इस कारण से यह कोई व्रत नहीं करते थे। लेकिन अन्य सभी भाई एकादशी व्रत रखते थे। एक बार महर्षि व्यास जी पांडवों के पास आए तो भीमसेन अपना प्रश्न लेकर महर्षि के पास पहुंचे।
भीमसेन ने व्यास जी से पूछा कि मेरे सभी भाई एकादशी व्रत के पुण्य से स्वर्ग जाएंगे लेकिन मैं तो भूखा रह नहीं सकता तो ऐसे में मुझे स्वर्ग की प्राप्ति कैसे होगी। महर्षि व्यास जी ने भीम को सलाह दी कि तुम ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करो। एक मात्र यही व्रत है जिसे करने से तुम्हें अन्य कोई व्रत करने की जरूरत नहीं है। केवल इसी व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति हो जाएगी। इस एकादशी व्रत का नाम निर्जला है। नाम के अनुसार ही इस व्रत में जल का भी त्याग करना होता है। ज्येष्ठ मास की गर्मी में जहां पानी के बिना कुछ ही समय में मन व्याकुल होने लगता है इसमें संयम पूर्वक इस व्रत को रखने मात्र से मनुष्यों का कल्याण हो जाता है। इस व्रत में जल से भरा घड़ा, पंखा, फल आदि का दान बहुत ही पुण्यदायी होता है। इस वर्ष यह एकादशी सोमवार 5 जन को है। अगर आप यह व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो जल से भरा कलश, वस्त्र, पंखा, फल का दान करके भी इस व्रत के पुण्य को प्राप्त कर सकते हैं। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|