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छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 24 जवान शहीद हो गए हैं. हमले में कुछ अन्य जवान घायल भी हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जाती है. ये जवान सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के थे. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सीएम आवास पर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है..

सीआरपीएफ की टीम सुकमा के चिंतागुफा में सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगी हुई थी. चिंतागुफा थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ और जिला बल के संयुक्त दल को गश्त के लिए रवाना किया गया था. दल जब बुरकापाल क्षेत्र में था, तब नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया.

घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस दल रवाना किया गया और घायल जवानों को बाहर निकालने की कार्रवाई की गई. सीआरपीएफ की कोबरा टीमें मुठभेड़ की जगह पर पहुंच गई हैं और वहां सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

एक अधिकारी ने बताया कि घायलों के निकालने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी घटनास्थल के लिए भेजा गया. इधर दंतेवाड़ा में भी सुरक्षा बलों ने एक आइईडी को डिफ्यूज कर दिया. नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के रास्ते में ये आइईडी लगाई थी.

सुकमा के एडिशनल एसपी जितेंद्र शुक्ला ने हमले की जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान नक्सली जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए. ये सभी जवान सीआरपीएफ की 74 बटालियन के थे.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घायलों के निकालने के लिए एक हेलीकाप्टर भी घटनास्थल के लिए भेजा गया है. मारे गए जवानों के शव एवं घायलों को बाहर निकालने की कार्रवाई जारी है. अधिकारी ने बताया कि घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा जा रहा है.

गृह मंत्रालय ने भी हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई. गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर मंगलवार को सुकमा जाएंगे. साथ ही सीआरपीएफ के डीजी भी सुकमा पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे.

बताया जा रहा है कि करीब 150 नक्सलियों के समूह ने सीआरपीएफ की टीम पर अटैक किया. ये नक्सली 50-50 के तीन हिस्सों में यहां पहुंचे थे. नक्सली ग्रामीणो के हुलिया में थे.

पिछले महीने दंतेवाड़ा जिले में ही गश्त पर निकले पुलिस बल पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसके बाद पुलिस ने नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान हुई मुठभेड़ में छह नक्सली मारे गए थे.

छत्तीसगढ़ के सुकमा, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कांकेर जिलों की गिनती देश के घोर नक्सल प्रभावित जिलों में होती है और यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले में इतना नुकसान हुआ हो. 

छत्तीसगढ़ में हुए बड़े नक्सली हमलों पर एक नजर...

ताड़मेटला कांड
दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला में 6 अप्रैल 2010 को हुआ यह हमला पैरामिलिट्री फोर्स पर हुआ देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला था. इस हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. इस दिन सीआरपीएफ के करीब 120 जवान सर्चिंग अभियान के लिए निकले थे, सर्चिंग से वापस लौटने के दौरान 1000 नक्सलियों ने एंबुश लगाकर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी थी. इस हमले में आठ नक्सली भी मारे गए थे. इस हमले में नक्सलियों ने जवानों के हथियार और जूते भी लूट लिए थे.

झीरम घाटी हमला
25 मई 2013 के दिन नक्सलियों ने परिवर्तन यात्रा पर निकले कांग्रेस पार्टी पर हमला कर दिया था. नक्सलियों ने काफिले को रोकने के लिए सबसे पहले सड़क पर ब्लास्ट किया था, ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि सड़क पर करीब 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया था. इसके बाद नक्सलियों ने काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. इस हमले में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, तात्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल समेत 30 से ज्यादा कांग्रेसी मारे गए थे. इस हमले में नक्सलियों के मुख्य टार्गेट महेंद्र कर्मा थे, कर्मा नक्सलियों के सफाए के लिए शुरू हुए सलवा जुडुम अभियान के नेता थे और वह लम्बे समय से नक्सलियों की हिट लिस्ट में भी शामिल थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नक्सलियों ने कर्मा को मारने के बाद उनके शव के इर्द-गिर्द जश्न भी मनाया था.

झीरम 2
झीरम घाटी हमले के करीब एक साल बाद नक्सलियों ने 11 मार्च 2014 को उससे कुछ ही दूरी पर एक और हमला किया. इस हमले में 15 जवान शहीद हुए थे और एक ग्रामीण की भी इसमें मौत हो गई थी. इस हमले के बाद नक्सलियों एक शहीद जवान के शव में आईईडी फिट करके छोड़ दिया था, ताकि जवान जब शव उठाने आएं तो ब्लास्ट हो जाए और जवानों को बड़ा नुकसान हो. हालांकि शव को उठाने से पहले बम डीएक्टिवेट कर दिया गया था और उसके बाद जवान को वहां से निकाला गया था.

बस्तर में नक्सली हमला
झीरम 2 के ठीक एक महीने बाद लोकसभा चुनाव के दौरान 12 अप्रैल को बीजापुर और दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट में पांच जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में सात मतदान कर्मी भी शामिल थे. यह पहली बार था जब नक्सलियों ने एक एंबुलेंस को अपना निशाना बनाया था. इस एंबुलेंस में सीआरपीएफ के पांच जवानों समेत एंबुलेंस चालक और कंपाउंडर की भी मौत हो गई थी.
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