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विजय माल्या को लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने दबोचा, जमानत

विजय माल्या को लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने दबोचा, जमानत नई दिल्ली: स्कॉटलैंड यार्ड ने विजय माल्या को लंदन  में गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें लंदन की एक कोर्ट में पेश किया जाएगा. 2016 से फरार चल रहे शराब कारोबारी को वेस्टमिंस्टर अदालत के आदेश पर स्कॉटलैंड यार्ड की पुलिस ने पकड़ा.

स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस के अनुसार माल्या को मंगलवार को करीब 9:30 सुबह (भारतीय समयानुसार) गिरफ्तार किया. उनपर भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ सहित कुल 12000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है.



भारत ने ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप आठ फरवरी को एक नोट वर्बेल के जरिए माल्या के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक आग्रह किया था.

जानकारों के मुताबिक प्रत्यपर्ण के लिए देश में तीन तरह के रास्ते हैं और वो इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसिजर कोड और एंविडस एक्ट के तहत हैं. लेकिन सरकार अगर जोर लगाएगी तभी प्रत्यर्पण में सफलता मिलेगी. भारत सरकार के लिए ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत का भी रास्ता खुला है.

भारत सरकार ने ब्रिटेन को अर्जी सौंपते हुए कहा था कि माल्या के खिलाफ उसके पास एक जायज मामला है. सरकार ने उल्लेख किया था कि यदि प्रत्यर्पण आग्रह का सम्मान किया जाता है तो यह हमारी चिंताओं के प्रति ब्रिटेन की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करेगा. इस साल के शुरू में एक सीबीआई अदालत ने 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक लोन डिफॉल्ट मामले में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.

कठिन है प्रत्यर्पण की राह
पिछले महीने ब्रिटिश सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के संबंध में भारत के आग्रह को प्रमाणित कर इसे आगे की कार्रवाई के लिए एक जिला न्यायाधीश के पास भेज दिया था. ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने सहित कई कदम शामिल होते हैं. वारंट के मामले में व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है और प्रारंभिक सुनवाई के लिए अदालत लाया जाता है. फिर विदेश मंत्री द्वारा अंतिम फैसला किए जाने से पहले एक प्रत्यर्पण सुनवाई होती है.

ब्रिटेन की जटिल कानूनी प्रणाली है. सबसे पहले जज को इस बात से संतुष्‍ट होना होगा कि माल्‍या पर भारत में जो आरोप लगाए गए हैं वह ब्रिटेन में भी आपराधिक श्रेणी में आते हैं या नहीं. लंदन कोर्ट के जज यह भी तय करेंगे कि क्‍या माल्‍या का प्रत्‍यर्पण उनके मानवाध‍िकारों के अनुरूप या असंगत तो नहीं है. यदि जज संतुष्‍ट हो जाते हैं तो इस मामले को अंतिम निर्णय के लिए विदेश मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. माल्‍या के पास फैसले को हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भी अधिकार है.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 1600 करोड़, पंजाब नैशनल बैंक का  800 करोड़, आईडीबीआई बैंक का  800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया का  650 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का  550 करोड़, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का  430 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का  410 करोड़, यूको बैंक का  320 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक का  310, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का  150 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक का  140 करोड़, फेडरल बैंक का  90 करोड़, पंजाब एंड सिंध बैंक का  60 करोड़ और एक्सिस बैंक का 50 करोड़ रुपए का कर्ज है.

माल्या पर सरकारी बैंकों से लिए गए नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज की देनदारी है. माल्या ने करीब 8.2 हजार करोड़ रुपए अपनी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस समेत कई कंपनियों के नाम पर ले रखे थे.

बैंकों की शिकायत पर उनके खिलाफ भारत सरकार का प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो समेत कई एजंसियां जांच कर रही हैं.

उनके खिलाफ आर्थिक गबन के कई मामले चल रहे हैं. कुछ मामलों में अदालत के निर्देश पर माल्या की कंपनियों के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां जब्त की गई हैं.

बैंकों का कर्ज न चुकाने और देश छोड़कर भाग जाने के कारण माल्या के प्रकरण में सरकार को खासी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. जब बैंकों ने कर्ज वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया तो माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गये थे.

इससे पहले लंदन में रह रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को प्रत्यर्पित करने की भारत की मांग को ब्रिटेन की सरकार ने शुक्रवार (24 मार्च) को मंजूर कर लिया था.

वहां की सरकार ने भारत के अनुरोध को लंदन की वेस्टमिंस्टर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भेज दिया था. कोर्ट द्वारा वारंट जारी किए जाने के बाद विजय माल्या को प्रत्यर्पित करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
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