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इस्लामिक स्टेट सरगना बगदादी ने इराक में मानी हार, लड़ाकों से कहा- 'लौट जाओ या खुद को उड़ा लो'
जनता जनार्दन डेस्क ,
Mar 02, 2017, 13:04 pm IST
Keywords: मोसुल जंग अल बगदादी Mosul war ISIS accepts defeat iraq Baghdadi admits defeat
![]() मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बयान के तौर पर अपना 'विदाई भाषण' जारी करते हुए बगदादी ने अपनी हार मानी और अपने गैर-अरब मूल के लड़ाकों से कहा कि या तो वे अपने-अपने देशों को लौट जाएं या फिर शरीर पर बम बांधकर खुद को उड़ा लें। बगदादी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मरने के बाद वे जन्नत जाएंगे और वहां उन्हें '72 हूरें' मिलेंगी। मालूम हो कि साल 2014 में इसी मोसुल शहर की एक मस्जिद में बगदादी ने खुद को मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था। इसके बाद अपने आतंक और बर्बरता के लिए दुनिया भर में इसकी पहचान फैली। मोसुल की जीत के बाद IS की स्थिति काफी मजबूत हो गई थी। अल अरबिया ने इराकी टीवी नेटवर्क अलसुमारिया के हवाले से बताया कि बुधवार को ISIS के धर्मगुरुओं और मौलवियों के बीच बगदादी का यह बयान वितरित किया गया। मालूम हो कि इराक में अब केवल पश्चिमी मोसुल ही IS के अधिकार में है। मोसुल पर कब्जे के लिए अक्टूबर 2016 से ही अमेरिका के नेतृत्व में इराकी फौज IS के साथ युद्ध कर रही है। पूर्वी हिस्से से IS को बाहर निकालने के बाद अब इराकी फौज चौतरफा हमला कर रही है। रिपोर्ट में इराकी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बगदादी ने युद्ध में शामिल आतंकियों और लड़ाकों पर निगरानी रखने वाले और उन्हें निर्देश देने वाले ISIS दफ्तर पर ताला लगाने का आदेश दिया है। साथ ही, बगदादी ने अपने साथ लड़ रहे गैर-अरब मुल्कों के लड़ाकों को वापस अपने-अपने देश लौट जाने का भी निर्देश दिया। इन लड़ाकों को या तो घर लौट जाने या फिर खुद को बम से उड़ा लेने का आदेश दिया गया है। अपने बयान में बगदादी ने लड़ाकों से कहा कि युद्ध में मरने पर उन्हें 'जन्नत में 72 हूरें' मिलेंगी। खबरों के मुताबिक, खुद बगदादी भी कई बार चोटिल हो चुका है। उसपर 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम है।अभी यह साफ नहीं है कि बगदादी खुद मोसुल में मौजूद है या नहीं। मालूम हो कि मोसुल में ही एक मस्जिद के अंदर बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया था। उसके कब्जे में पूर्वी सीरिया और उत्तरी इराक का एक बड़ा हिस्सा भी था। अब स्थिति यह है कि इराक में मोसुल के अलावा सभी जगहें IS के हाथ से निकल चुकी हैं। मोसुल में हारने के बाद इराक में उसके पास कोई ठिकाना नहीं बचेगा। उम्मीद है कि सीरिया स्थित रुक्का में भी बहुत जल्द उसे हार का सामना करना पड़ेगा। इराक में लड़ रहे IS के कई आतंकवादी सीरिया के उन इलाकों की ओर भाग रहे हैं जहां अब भी IS का नियंत्रण है। |
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