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फिल्मी नहीं है टी-सीरीज के भूषण कुमार की सफलता की कहानी

जनता जनार्दन डेस्क , Feb 10, 2017, 11:21 am IST
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फिल्मी नहीं है टी-सीरीज के भूषण कुमार की सफलता की कहानी नई दिल्ली: जनवरी के आखिर में टी-सीरीज ने बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। यह कंपनी 14 अरब से ज्यादा व्यू के साथ यूट्यूब पर नंबर-1 चैनल बन गई। यह अब ऑल टाइम सबसे ज्यादा देखा गया चैनल बनने से भी ज्यादा दूर नहीं है। अपनी शानदार और अप्रत्याशित ग्रोथ के दो दशकों बाद टी-सीरीज के चेयरमैन भूषण कुमार भारत की म्यूजिक इंडस्ट्री पर अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं और हाल में मूवी बिजनस में भी उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की है।

भूषण कुमार ने दो दशकों पहले यानी 1997 में टी-सीरीज की जिम्मेदारी संभाली थी, जब उनके पिता गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके साथ उनके चाचा कृष्ण कुमार (गुलशन कुमार के छोटे भाई) भी टी-सीरीज से जुड़े थे, लेकिन जूनियर कुमार के अचानक हुए प्रमोशन के कारण कंपनी में मौजूद लोगों के लिए थोड़ी असहज स्थिति पैदा हो गई थी। बहरहाल, उन्होंने जल्द कंपनी पर अपनी पकड़ बना ली।

आज भूषण कुमार (39 साल) म्यूजिक से फिल्मों तक अपना दबदबा कायम कर चुके हैं और मनोरंजन बिजनस का बड़ा ग्रुप बनाने की तैयारी में है। टी-सीरीज का म्यूजिक बिजनस जहां अब ऑटो पायलट सिस्टम में पहुंच चुका हैं, वहीं भूषण का ध्यान अब कंपनी के अपेक्षाकृत नए बिजनस फिल्म प्रॉडक्शन पर है।कुमार ने बताया, 'फिल्म बनाना म्यूजिक से काफी अलग मामला है। मैं अब सोते हुए भी म्यूजिक बना सकता हूं। फिल्मों का बिजनस कठिन काम रहा है। फिल्म मेकिंग को लेकर हमारी सफलता मिली-जुली रही है। हमारे पास आशिकी 2 और यारियां जैसी हिट फिल्में भी हैं, जबकि जुनूनियत जैसे फिल्में भी हैं, जो कामयाब नहीं हो पाई।'

हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ टी-सीरीज को फिल्म बनाने के मामले में मिली-जुली सफलता हाथ लगी। पिछला साल कई फिल्म स्टूडियो के लिए काफी मुश्किल भरा रहा है। डिज्नी ने भारत में फिल्म प्रॉडक्शन टाल दिया है और बालाजी टेलीफिल्म का मूवी बिजनस संघर्ष कर रहा है।

भूषण कहते हैं, 'अगर आप अपने पत्ते सही खेलते हैं और आपके पास सही बजट और कॉन्टेंट है, तो यह मुश्किल मार्केट नहीं है। कई फिल्मों के साथ दिक्कत यह रही कि इनका बजट 80-100 करोड़ रुपये का था और इन्होंने बिजनस महज 30-40 करोड़ रुपये का किया।'

भूषण कुमार को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि उनके पास फिल्म बिजनस की अच्छी समझ है। फिल्म स्टूडियो अबनडेंशिया एंटरटेनमेंट के सीईओ विक्रम मल्होत्रा कहते हैं, 'फिल्मी दर्शकों के बारे में उनकी शानदार समझ, म्यूजिक मेकर के तौर पर हासिल अनुभव और बिजनस की बेहतरीन काबिलियत के कारण वह दूसरों के मुकाबले भारी पड़ते हैं।' अबनडेंशिया एंटरटेनमेंट टी-सीरीज के साथ मिलकर कई फिल्में बना रही है। मल्होत्रा के मुताबिक, 'वह फटाफट फैसले करते हैं, जो सीमित मौके वाले बिजनस में जरूरी है।

टी-सीरीज मझोले बजट वाली फिल्मों में हर साल 300 करोड़ रुपये निवेश करेगा और इससे बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कम से कम 400 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। टी-सीरीज की योजना 2017 में 9 फिल्में बनाने की है और 2018 के लिए उसके पास 12 प्रॉजेक्ट्स हैं। कंपनी सिर्फ हिंदी सिनेमा के लिए है, बल्कि वह मराठी, तेलुगू और तमिल सिनेमा में भी एंट्री की तैयारी में है।

भूषण ने बताया, 'हम कॉन्टेंट आधारित फिल्मों पर फोकस करेंगे, न कि सिर्फ बड़े स्टार पर निर्भर रहेंगे।' उनके मुताबिक, 2017 में इरफान खान की एक फिल्म वह पेश करने वाले हैं, जो दिल्ली के चांदनी चौक के एक दंपती की कहानी पर होगी, जो इस शहर के अभिजात्य वर्ग का हिस्सा बनना चाहता है। भूषण के साथ काम करने वाले लोगों का कहना है कि उनका ध्यान हमेशा बिजनेस बढ़ाने पर रहता है।
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