गुरु दक्षिणा ने बनाया एक स्कूल हरा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 25, 2011, 14:21 pm IST
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सीकर: मन में कुछ करने कराने की इच्छा हो , तो राहें खुल ही जाती हैं. फिर चाहे वह रगिस्तान के रेतीले इलाकों में हरियाली बिखेर देने की ही बात क्यों ना हो ? राजस्थान के सीकर में छात्र भारतीय परम्परा का निर्वहन करते हुए गुरु दक्षिणा के रूप में पौध रोपण का कार्य कर रहे हैं। राज्य के एक शासकीय स्कूल में एक अनूठी परम्परा शुरू की गई है, जहां छात्र इस स्कूल से जाने से पहले गुरु दक्षिणा के रूप में स्कूल परिसर में पौध रोपण करते हैं।
जयपुर से 100 किलोमीटर दूर स्थित सीकर कस्बे में स्थित हरदयाल शासकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में साल 2006 से ही यह सिलसिला जारी है। इसके परिणामस्वरूप स्कूल में अब 800 पेड़ हैं, इनमें कुछ पौधे भी शामिल हैं। वर्तमान में स्कूल की प्राचार्या परमेश्वरी देवी ने बताया, "साल 2006 तक स्कूल परिसर में बहुत थोड़े से पेड़ ही थे। तब के प्राचार्य महावीर प्रसाद सेन एक पर्यावरणविद थे और उन्होंने ही गुरु दक्षिणा परम्परा शुरू की।" उन्होंने बताया कि स्कूल से आठवीं कक्षा में उत्तीर्ण हो स्थानांतरण प्रमाणपत्र मांगने के लिए आने वाले प्रत्येक छात्र से कम से कम एक पेड़ लगाने के लिए कहा जाता है। उन्होंने कहा, "हम छात्रों पर ऐसा करने के लिए दबाव नहीं बना सकते। यह उनकी पसंद पर निर्भर करता है लेकिन यह बहुत अच्छी बात है कि ज्यादातर छात्र इस परम्परा को निर्वहन करते हैं।" परमेश्वरी देवी ने बताया कि पिछले शैक्षिक सत्र में 33 पेड़ लगाए गए थे। एक छात्र अजय रस्तोगी ने बताया, "मैंने गुरु दक्षिणा के रूप में दो पौधे लगाए हैं। इनमें से एक आंवला का और दूसरा रात की रानी का है। मुझे उन्हें बढ़ते देखना अच्छा लगता है। जब मैं स्कूल छोड़कर जाऊंगा तो मेरे जूनियर छात्र इनकी देखरेख करेंगे और मैं भी अपने पेड़ देखने के लिए कभी-कभी स्कूल आते रहने का प्रयास करूंगा।" परमेश्वरी देवी ने कहा, "ज्यादातर बच्चे दो पौधे लगाते हैं। बच्चों के लिए यह भी जरूरी है कि वे अपने पौधों की जिम्मेदारी किसी विशेष जूनियर छात्र पर डाल कर जाएं।" उन्होंने कहा कि छात्र यह देखने के लिए समय-समय पर स्कूल आते रहते हैं कि उनके पौधों की ठीक देखभाल हो रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि अब स्कूल के हर हिस्से में एक पेड़ है। |
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