69वां भारतीय सेना दिवस: पीएम मोदी ने किया साहस को सलाम, जनरल रावत ने कहा, शिकायत हमसे करें
जनता जनार्दन रक्षा संवाददाता ,
Jan 15, 2017, 12:39 pm IST
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना दिवस के अवसर पर सैनिकों, अधिकारियों और पूर्व सैनिकों के साहस एवं अमूल्य सेवा के लिए उन्हें सलाम किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘सेना दिवस के अवसर पर सभी सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का अभिनंदन. हम भारतीय सेना के साहस और अमूल्य सेवा को सलाम करते हैं.’ मोदी ने कहा कि देश की अखंडता की सुरक्षा की बात हो या प्राकृतिक आपदा में नागरिकों की मदद करने की बात, सेना हमेशा सामने से नेतृत्व करती है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम हमारी सेना द्वारा किए गए सभी बलिदानों को गर्व के साथ याद करते हैं. वे अपनी जान को जोखिम में डालते हैं ताकि 125 करोड़ भारतीय शांतिपूर्ण तरीके से रह सकें.’ इस बीच सेना दिवस के मौके पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि हाल ही में हमारे कुछ साथी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपनी शिकायतें ज़ाहिर करते रहे हैं, मीडिया के समक्ष पेश कर रहे हैं. इसका असर सेना के वीर जवानों पर पड़ता है. उनको प्रेरित करके उनकी हौंसला अफ़ज़ाई करने की ज़रुरत है. आर्मी चीफ ने कहा, "आपको कोई शिकायत है, आप कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं, तो सीधे मुझसे संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये शिकायत करने वाले जवानों को चेताया कि 'उन्होंने जो किया है उसके लिए वे सजा के हक़दार भी हो सकते हैं'. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर शांति चाहते हैं, लेकिन हम किसी भी सीज़फायर उल्लंघन या उत्तेजित करने वाली हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगे. आने वाली चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा. आर्मी चीफ ने कहा कि भारत चीन की सीमा पर शांति चाहता है. चीन की सीमा पर हमारी तरफ से कारगर कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेज़र्स अपनाए जा रहे हैं. हम उन कदमों को उठा रहे हैं, जिससे एलएसी पर पैदा होने वाली हर स्थिति का समाधान निकल सके. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है की हमारे प्रतिद्वंदी हमारी ताकत को पहचानते हैं. हमारी क्षमता किसी भी समय किसी भी जगह कार्रवाई करने की है. हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन शांति भंग करने वालों को चेतावनी भी देना चाहते हैं. कुछ ग्रुप्स हिंसा का सहारा ले रहे हैं. विरोधी ग्रुप्स के खिलाफ ऑपरेशन चलते रहेंगे. वर्ष 1949 में, आज के दिन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा ने पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था। उनसे पहले इस पद पर जनरल फ्रांसिस बचर थे. |
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