भारत वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए केन्या के साथ काम करने का इच्छुकः राष्ट्रपति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 13, 2017, 17:51 pm IST
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नई दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कल राष्ट्रपति भवन में केन्या गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम उहुरू केन्याता की अगवानी की. उऩ्होंने केन्याता के सम्मान में भोज का आयोजन भी किया.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केन्या के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि केन्या के साथ भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं. भारत और केन्या ने उपनिवेशवाद के खिलाफ भाइयों के रूप में एक साथ लड़ाइयां लड़ी थीं. दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति आम धारणा से बंधे हुए हैं. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का केन्याई राष्ट्रपति के पिता राष्ट्रपति जोमो केन्याता के साथ एक खास रिश्ता था, जिन्होंने केन्या राष्ट्र की नींव डाली थी. राष्ट्रपति ने कहा कि जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान राष्ट्राध्यक्षों के स्तर पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की नई शुरुआत के बाद भारत और केन्या ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है. तीन दशकों के लंबे अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच इतने उच्च स्तर पर आदान-प्रदान हो रहे हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि केन्या के राष्ट्रपति की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग और ज्यादा विस्तृत एवं गहरा होगा. राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार का स्तर फिलहाल अपेक्षित संभावनाओं से कम है और दोनों देशों के बीच आपसी आर्थिक सम्पर्कों में और ज्यादा वृद्धि करने तथा विविधता लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत दोनों ही देशों के उद्योग जगत एवं कारोबारियों द्वारा स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, समुद्री संसाधनों से जुड़ी अर्थव्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र में आपसी सहयोग के अवसरों की तलाश के लिए किये जा रहे प्रयासों का स्वागत करता है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं से सहमति जताते हुए केन्या के राष्ट्रपति ने केन्या में रह रहे भारतीय समुदाय की भूमिका की सराहना की, जिसे उन्होंने केन्याई समाज का अभिन्न अंग बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा प्रोत्साहित किया गया भारतीय समुदाय केन्या के स्वतंत्रता संग्राम का एक अभिन्न हिस्सा था. उन्होंने उच्चतम स्तर पर आपसी संपर्कों को और ज्यादा बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि दोनों देशों की जनता और कारोबारी आपसी रिश्तों को नये मुकाम पर ले जाने के लिए प्रेरित हो सकें। |
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