Thursday, 26 December 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

14 साल के लड़के ने डिजाइन किया ड्रोन, प्रॉडक्शन के लिए सरकार से करार

जनता जनार्दन डेस्क , Jan 13, 2017, 12:09 pm IST
Keywords: हर्षवर्धन जाला   लैंड माइंस   ड्रोन   Land mines   Harshvardhan zala   Drone   
फ़ॉन्ट साइज :
14 साल के लड़के ने डिजाइन किया ड्रोन, प्रॉडक्शन के लिए सरकार से करार अहमदाबाद: गुरुवार को वाइब्रेंट गुजरात समिट में 14 साल का एक किशोर चर्चा का विषय बना। आंखों पर ऐनक और नीले रंग के सूट में स्मार्ट लग रहे हर्षवर्धन जाला ने एक ड्रोन का डिजाइन किया है, जिसके प्रॉडक्शन के लिए उन्होंने सरकार के साथ 5 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि ही वह चीज थी, जो वह चर्चा में रहे।

हर्षवर्धन ने गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साथ ऐसे ड्रोन तैयार करने के लिए करार किया है जिसकी मदद से युद्ध के मैदानों में लगे लैंड माइंस का पता लगाया जा सकेगा और ड्रोन की मदद से ही उनको निष्क्रिय भी किया जा सकेगा। 10वीं के छात्र हर्षवर्धन उम्र के उस पड़ाव में अपने बिजनस प्लान पर काम कर रहे हैं और ड्रोन का तीन नमूना बनाया है, जब उनकी उम्र के बच्चे बोर्ड एग्जाम को लेकर चिंतित हैं।

हर्षवर्धन ने बताया कि उन्होंने लैंडमाइन का पता लगाने वाले ड्रोन के नमूने पर 2016 में ही काम शुरू कर दिया था और बिजनस प्लान भी बनाया था। उनको यह ड्रोन बनाने का आइडिया कैसे आया, इस बारे में हर्षवर्धन ने बताया, 'यह आइडिया उस समय आया जब मैं टेलिविजन देख रहा था और पता चला कि हाथ से लैंडमाइन को निष्क्रिय करते वक्त बड़ी संख्या में सैनिक जख्मी होकर दम तोड़ देते हैं।' उन्होंने अब तक ड्रोन के नमूने पर करीब 5 लाख रुपये खर्च किया है। पहले दो ड्रोन के लिए उनके अभिभावक ने करीब 2 लाख रुपये खर्च किया जबकि तीसरे नमूने के लिए राज्य सरकार की ओर से 3 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
हर्षवर्धन ने बताया, 'ड्रोन में मकैनिकल शटर वाला 21 मेगापिक्सल के कैमरे के साथ इंफ्रारेड, आरजीबी सेंसर और थर्मल मीटर लगा है। कैमरा हाई रिजॉलूशन की तस्वीरें भी ले सकता है।' ड्रोन जमीन से दो फीट ऊपर उड़ते हुए आठ वर्ग मीटर क्षेत्र में तरंगें भेजेगा। ये तरंगें लैंड माइंस का पता लगाएंगी और बेस स्टेशन को उनका स्थान बताएंगी। ड्रोन लैंडमाइन को तबाह करने के लिए 50 ग्राम वजन का बम भी अपने साथ ढो सकता है।'

उनके पिता प्रद्युमनीष जाला नरोडा की एक प्लास्टिक कंपनी में अकाउंटेंट हैं जबकि उनकी माता निशाबा जाला गृहिणी हैं।
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल
सप्ताह की सबसे चर्चित खबर / लेख
  • खबरें
  • लेख