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2016 में पांचों महाद्वीपों में लोकप्रिय हुई भारत की कबड्डी

2016 में पांचों महाद्वीपों में लोकप्रिय हुई भारत की कबड्डी नई दिल्लीः भारत के पारंपरिक खेल कबड्डी ने 2016 में सफलता के नए आयाम तय किए और पांचों महाद्वीपों में न सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि लोकप्रियता भी हासिल की।

कबड्डी ने अपनी लोकप्रियता से साबित किया है कि इसमें एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल स्पर्धा होने के सभी तत्व मौजूद हैं। भारत में तो इसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि गुमनामी की जिंदगी गुजार रहे भारतीय कबड्डी खिलाड़ियों को अब घर-घर में अपनी पहचान मिल चुकी है।

एशियन खेलों-2014 में देश को कबड्डी में स्वर्ण दिलाने के बाद भारतीय कबड्डी खिलाड़ियों ने पांचों महाद्वीपों से आई कबड्डी टीमों के बीच अहमदाबाद की मेजबानी में हुए विश्व कप में अपनी बादशाहत कायम रखी।

देश के सर्वोच्च कबड्डी लीग टूर्नामेंट 'प्रो कबड्डी लीग' ने 2014 में शुरू होने के बाद से ही साल-दर-साल सफलता के नए आयाम छूए और 2016 में तो इसने लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।

दर्शकों के बीच प्रो कबड्डी लीग की लोकप्रियता और जुनून को देखते हुए 2016 में इसके दो संस्करणों का आयोजन किया गया और देश का पहला ऐसा लीग टूर्नामेंट जिसके एक ही वर्ष में दो सत्र खेले गए।

प्रो कबड्डी लीग के चौथे संस्करण की लोकप्रियता का आलम यह रहा कि भारतीय कबड्डी खिलाड़ियों को तो भारतीय खेल प्रेमियों ने सराहा ही, बल्कि लीग में खेलने वाले अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी सर आंखों पर रखा।

प्रो कबड्डी लीग के चौथे संस्करण की आठ टीमों के लिए कुल 24 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने लीग में हिस्सा लिया। ये खिलाड़ी ईरान, केन्या, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अन्य देशों से भारत में खेलने आए।

प्रो कबड्डी लीग के चौथे संस्करण की सबसे खास बात यह रही कि इसमें प्रायोगिक तौर पर पहली बार महिला कबड्डी चैलेंज की शुरुआत हुई, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर चुकीं ममता पुजारी और तेजस्विनी सहित भारतीय महिला कबड्डी खिलाड़ियों को घर-घर में पहचान दिलाई। महिला खिलाड़ियों ने भी इस कदम को सराहा और माना कि इस पहल से उन्हें एक नई पहचान मिली है।

2010 और 2014 में एशियन खेलों की चैम्पियन भारतीय महिला कबड्डी खिलाड़ियों ने भी उम्मीद जताई है कि भविष्य में अलग से महिला कबड्डी लीग का आयोजन किया जाएगा।

महिला कबड्डी चैलेंज का खिताब तेजस्विनी बाई की टीम स्टॉर्म क्वींस ने जीता। प्रो कबड्डी लीग के चौथे सीजन की सफलता के इससे भी समझा जा सकता है कि इस संस्करण में बीते संस्करण की अपेक्षा 51 फीसदी अधिक दर्शक पहुंचे। चौथे सीजन को करीब एक करोड़ लोगों ने देखा।

महिला कबड्डी चैलेंज को भी टेलीविजन पर करीब 67 लाख लोगों ने देखा। इस चैलेंज को पिछले एक साल में टेलीविजन पर देखे गए शीर्ष-10 टीवी शो की सूची में रखा गया है।

लोगों के बीच इस खेल की लोकप्रियता से खुश आयोजकों ने इसी साल भारत में कबड्डी विश्व कप का आयोजन किया। विश्व कप आयोजित करने का एक अप्रत्यक्ष उद्देश्य कबड्डी को ओलम्पिक खेलों में जगह दिलाने के लिए दावेदारी भी पेश करना रहा।

कबड्डी विश्व कप में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जापान, अर्जेटीना और केन्या सहित पांचों महाद्वीपों के देशों की टीमों ने हिस्सा लिया। भारत और ईरान के बीच खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले को 2.03 करोड़ लोगों ने देखा और इस मुकाबले को इस साल देखे गए शीर्ष 50 टीवी शो में भी शामिल किया गया।

कबड्डी विश्व कप को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी तवज्जो दी। इस टूर्नामेंट को विश्व भर से करीब 11.4 करोड़ लोगों ने देखा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाहरुख खान, आमिर खान, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली सहित कई दिग्गज हस्तियों ने ट्वीट के जरिए इस खेल के महत्व को नई दिशा दी।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी विश्व कप को मिली लोकप्रियता ने निश्चित तौर पर कबड्डी के ओलम्पिक में शामिल किए जाने की भारतीय खेल प्रेमियों की उम्मीदों को जिंदा कर दिया है।
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