भारतीय फुटबाल के लिए मिलाजुला रहा 2016
देबायन मुखर्जी ,
Dec 28, 2016, 17:57 pm IST
Keywords: Bengaluru FC Under-17 World Cup All India Football Federation Indian Super League I-League AFC Cup भारतीय फुटबाल बेंगलुरू एफसी क्लब फीफा अंडर-17 विश्व कप
कोलकाता: भारतीय फुटबाल के लिए साल 2016 मिली-जुली सफलता वाला रहा। भारतीय पुरुष टीम जहां अपने उत्साहहीन प्रदर्शन के वाबजूद फीफा रैंकिंग में आगे बढ़ने में सफल रही तो वहीं बेंगलुरू एफसी क्लब ने अपने शानदार खेल से इतिहास रचा।
भारतीय फुटबाल अधिकारी अगले साल भारतीय सरजमीं पर होने वाले फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी करने की तैयारियों में मशगूल रहे। पूरे साल आई-लीग को देश की दूसरी श्रेणी की लीग टूर्नामेंट इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) को मुख्य घरेलू लीग बनाने की चर्चा भी जोर-शोर से रही। व्याक्तिगत तौर पर गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने सुर्खियां बटोरीं। वह यूरोपा लीग में खेलने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने। उन्होंने नॉर्वे के क्लब स्टाबाएक एफसी का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन इस साल फुटबाल जगत में सबसे ज्यादा सुर्खियां बेंगलुरू एफसी क्लब ने बटोरीं। वह एशियन फुटबाल परिसंघ (एएफसी) कप के फाइनल में खेलने वाला भारत का पहला क्लब बना। इस साल बेंगलुरू ने अपना दूसरा आई-लीग खिताब जीता और एएफसी कप में जगह बनाई। क्लब ने फिर मलेशियाई क्लब जोहोर दारुल ताजिम को हराकर अपने स्तर को और बढ़ाया। पूरा देश एएफसी कप के फाइनल में क्लब के साथ खड़ा था। स्पेन के क्लब बार्सिलोना एफसी के लिए खेल चुके एल्बर्ट रोका के मार्गदर्शन में क्लब ने फाइनल में जगह बनाई लेकिन ईराक के एयर फोर्स क्लब ने उसे 1-0 से मात देते हुए खिताब से वंचित रखा। वहीं भारतीय फुटबाल टीम ने अपने कोच स्टीफन कोंस्टैंटाइन के मार्गदर्शन में सैफ खेलों के फाइनल में अफगानिस्तान को हराकर खिताब तो जीता लेकिन विश्व कप के क्वालीफायर राउंड में उसका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। वह अपने ग्रुप में सबसे नीचे रही। जैसे-जैसे सत्र बढ़ता गया वैसे ही भारत को फीफा रैंकिग में हेरा-फेरी का फायदा हुआ और वह पिछले छह साल में अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 135 पर पहुंच गया। सितंबर में भारत ने प्योटरे रिको को फीफा के मैत्री मैच में हराते हुए उस महीने 230 अंक हासिल किए जिसके कारण वह रैंकिंग में आगे बढ़ी। अलोचकों का मानना है कि फीफा रैंकिंग कभी भी सही स्थिति को नहीं दर्शाती। इसका एक उदाहरण पिछले साल बेल्जियम के साथ देखने को मिला था जब वह रैंकिंग में जर्मनी से एक स्थान पीछे दूसरे स्थान पर आ गई थी। जिसके बाद फीफा की रैंकिंग में बुनियादी गड़बड़ियां जाहिर हुई थीं जिससे कम अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले भारत को फायदा मिला। पुरुषों की अंडर-23 टीम दक्षिण एशियाई खेलों के फाइनल में नेपाल से हार गई, लेकिन भारतीय महिलाओं ने इसी टूर्नामेंट में अपने विपक्षी को 4-0 से मात दी। घरेलू प्रतियोगिताओं में एटलेटिको दे कोलकाता सबस सफल टीम रही। उसने इस साल आईएसएल के तीसरे सीजन का खिताब अपने नाम किया। यह उसका आईएसएल का दूसरा खिताब रहा। उसने फाइनल में केरला ब्लास्टर्स को उसके घर में मात देते हुए खिताब जीता। कोच जोस मोलिनो के मार्गदर्शन में खेलने वाली कोलकाता ने इस सीजन में आठ मैच ड्रॉ खेले जो लीग के तीनों सीजन में किसी भी टीम के सबसे ज्यादा ड्रॉ मैच हैं। लेकिन अगर आईएसएल के इस सीजन की तुलना पिछले सत्रों से की जाए तो इस सीजन में रोमांच का स्तर कम ही देखने को मिला और दर्शकों को बोरिंग मैच ज्यादा देखने को मिले। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) और आईएसएल के प्रबंधकों के अनुसार आईएसएल अगले साल होने वाले अंडर-17 फीफा विश्व कप के बाद देश की शीर्ष लीग होगी। इसी को देखते हुए गोवा के क्लबों ने लीग प्रारूप से खुद को अलग करने का फैसला लिया। पांच बार आई-लीग का खिताब जीतने वाली डेम्पो, 60 साल पुराने क्लब सलगांवकर और स्र्पोटिंग क्लब दे गोवा ने इस साल आई-लीग से अपना नाम वापस ले लिया। वहीं मोहन बागान ने इस साल फेडरेशन कप पर कब्जा जमाया और सर्विसेज ने संतोष ट्रॉफी अपने नाम की। भविष्य को देखते हुए सभी की नजरें जर्मनी के कोच निकोलई एडम के मार्गदर्शन में देश की अंडर-16 टीम पर होंगी। टीम ने हाल ही में ब्रिक्स टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया। अगले साल होने वाले अंडर-17 फीफा विश्व कप पर सभी की नजरें होंगी. भारत के अलावा अगर विश्व फुटबाल को देखा जाए तो इस साल पुर्तगाल ने सभी की तारीफें बटोरीं। वह पहली बार यूरोपीयन चैम्पियनशिप जीतने में सफल रहा। इस जीत से रोनाल्डो ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी अर्जेटीना के लियोनेल मेसी को बड़ा टूर्नामेंट जीतने के मामले में पीछे छोड़ा बल्कि उनकी टीम ने एक मजबूत मेजबान फ्रांस को मात दी. वहीं, दूसरी तरफ मेसी एक बार फिर कोपा अमेरिका का खिताब अपनी टीम को दिलाने में असफल रहे. अर्जेटीना को कोपा अमेरिका के 100वें संस्करण में चिली ने लगातार दूसरी बार मात दी। इसके बाद मेसी ने अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास की घोषणा कर दी। लेकिन एक महीने बाद ही विश्व फुटबाल जगत के अनुरोध पर उन्होंने संन्यास वापस ले लिया. रोनाल्डो यहीं नहीं रुके। उन्होंने इस साल चौथी बार साल के सर्वश्रेष्ठ फुटबाल खिलाड़ी का पुरस्कार बैलन डी ऑर अपने नाम किया. मैदान के बाहर फीफा के पूर्व अध्यक्ष सेप ब्लाटर और उनके सहयोगी माइकल प्लटिनी को आठ साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा. |
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