भारतीय क्रिकेट टीम नई ऊंचाइयों पर, बीसीसीआई के लिए कांटो भरा
त्रिदीब बैपर्नश ,
Dec 28, 2016, 13:18 pm IST
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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम इस पूरे वर्ष जहां सफलता के घोड़े पर सवार रही और नंबर-1 टेस्ट टीम के रूप में साल का समापन किया, वहीं मैदान के बाहर देश की शीर्ष नियामक संस्था भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए यह साल संघर्ष से भरा रहा।
बीसीसीआई को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में हीला-हवाली करने के लिए कई बार शीर्ष अदालत से कड़ी फटकार झेलनी पड़ी और उसकी विश्वसनीयता में नई गिरावट दर्ज की गई। इस साल भारतीय टीम ने टी-20 क्रिकेट में अपनी खोई हुई छवि को वापस पाया और महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई में टीम घरेलू मैदान पर हुए आईसीसी टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रही, जहां उसे वेस्टइंडीज के हाथों हार झेलनी पड़ी और वेस्टइंडीज नया चैम्पियन बनकर उभरा। इस साल भारत ने आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट, एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखलाएं खेलीं। आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार एकदिवसीय श्रृंखला में 0-4 से हारने के बाद भारत ने अच्छी वापसी करते हुए टी-20 श्रृंखला 3-0 से अपने नाम किया। इसके बाद श्रीलंका को घरेलू मैदान पर 2-1 से मात देने वाली भारतीय टीम ने टी-20 एशिया कप में बांग्लादेश को फाइनल मुकाबले में आठ विकेट से हराकर छठी बार खिताबी जीत हासिल की। आस्ट्रेलिया दौरे के बाद टेस्ट क्रिकेट से धौनी के अचानक संन्यास लेने के बाद विराट कोहली को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई और भारतीय टेस्ट टीम ने कोहली युग में प्रवेश किया। कोहली भी इस वर्ष सफलता के सातवें घोड़े पर सवार रहे और कई उपलब्धियां अपने और राष्ट्रीय टीम के खातें में डालीं। देश की सबसे लोकप्रिय लीग टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोहली ने अभूतपूर्व प्रदर्शन कर सर्वाधिक रन बनाने का लीग का नया रिकॉर्ड रच डाला। उन्होंने लीग में 973 रन बनाए, जिसमें चार शतकी पारियां शामिल रहीं। कोहली की अगुवाई में उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर फाइनल में पहुंची, हालांकि खिताबी मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद से उन्हें हार झेलनी पड़ी। आईपीएल से ठीक पहले धौनी की अगुवाई में बिल्कुल युवा टीम ने जिम्बाब्वे का दौरा किया। जिम्बाब्वे तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 3-0 से हराने के बाद भारतीय टीम को टी-20 श्रृंखला के पहला मैच में जरूर हार मिली, लेकिन धौनी की युवा ब्रिगेड ने वापसी करते हुए श्रृंखला 2-1 से जीत लिया। इसके बाद भारत ने वेस्टइंडीज को उन्हीं की धरती पर दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 2-0 से मात दी आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में फिर से शीर्ष स्थान हासिल किया। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ अमेरिकी धरती पर खेले गए दो मैचों टी-20 श्रृंखला भारत के लिए सफल नहीं रही, लेकिन बेहद रोमांचक साबित हुई। लोकेश राहुल के रूप में भारत को इस श्रृंखला ने नायाब बल्लेबाज दिया। राहुल ने 46 गेंदों में शतक ठोकते हुए अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में भारत के सबसे तेज शतकवीर होने का कारनामा किया। इसके बाद भारतीय टीम ने टेस्ट क्रिकेट के लंबे सत्र की शुरुआत की और भारतीय क्रिकेट पर कोहली का जादू इस दौरान सिर चढ़कर बोला। न्यूजीलैंड को टेस्ट श्रृंखला में 3-0 से हराने के साथ ही भारत ने टेस्ट रैंकिंग में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पछाड़ते हुए एक बार फिर शीर्ष स्थान हासिल किया, जिसे कोहली की सेना वर्ष के अंत तक कायम रखने में सफल रही। इस हार से त्रस्त न्यूजीलैंड की टीम ने पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में भारत को अच्छी टक्कर दी लेकिन भारतीय टीम अंतत: 3-2 से श्रृंखला पर कब्जा जमाने में सफल रही। न्यूजीलैंड के बाद इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई श्रृंखला में जहां एक ओर कई रिकॉर्ड बने, वहीं इसे 4-0 से जीतते हुए भारत ने अपना पुराना बदला भी पूरा किया। इस श्रृंखला में घरेलू स्तर पर कर्नाटक की टीम के लिए खेलने वाले करुण नायर टेस्ट करियर के पहले शतक के तौर पर तिहरा शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज बने। इस श्रृंखला में कप्तान कोहली ने अपने करियर के 4,000 रन पूरे किए और उन्हें आईसीसी की एकदिवसीय टीम का कप्तान भी बनाया गया। इसके अलावा, बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले रविचंद्रन अश्विन को आईसीसी की ओर से साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में जहां भारत पहले स्थान पर है, वहीं टी-20 रैंकिंग में दूसरे और एकदिवसीय रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा, भारतीय टीम ने अपने साल का समापन लगातार 18 टेस्ट मैचों में अविजित रहते हुए किया। लेकिन भारतीय टीम के सर पर सजे ये ताज बीसीसीआई को सर्वोच्च न्यायालय के कोप भाजन से बचाने में असमर्थ साबित हुए। शीर्ष अदालत द्वारा लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए बार-बार दी गई चेतावनी के बावजूद बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने अड़ियल रुख बरकरार रखा है। लोढ़ा समिति की सिफारिशों को अगर लागू कर दिया जाए तो क्रिकेट की प्रशासनिक व्यावस्था में आमूल-चूल सुधार देखने को मिल सकते हैं, लेकिन इस मामले पर बीसीसीआई और समिति के बीच तनातनी की स्थिति अभी जारी है। |
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