दंबुक: जहां पूरी होती है शांति की खोज
नतालिया निंग्थौजाम ,
Dec 28, 2016, 12:52 pm IST
Keywords: Dambuk Lower Dibang Valley Delhi to Guwahati Arunachal Pradesh Travelogue Gypsies and Jeeps Orange Festival of Adventure & Music दिबांग घाटी दंबुक ओरेंज फेस्टिवल ऑफ एडवेंचर एंड म्यूजिक उगते सूरज का पर्वत
दंबुक: देश के सबसे कम आबादी वाले जिलों की सूची में 10वें क्रम पर मौजूद अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी क्षेत्र की तहसील दंबुक की यात्रा जटिल जरूर है, लेकिन यहां आकर किसी को भी लग सकता है कि उसकी शांति की खोज यहीं आकर खत्म होती है।
दंबुक घाटी की यात्रा का रोमांच मैंने तब महसूस किया, जब मुझे संतरों के लिए मशहूर इस कस्बे के लिए विमान से उतरकर एक मिनी बस के बाद एसयूवी कार का सफर करना पड़ा। यह सफर पानी और जंगलों के दृश्यों से भरा हुआ था। इस कस्बे का सफर मेरे काम से जुड़ा हुआ। यहां आयोजित होने वाले ‘जेके टायर ओरेंज 4 गुना 4 फरी’ चैम्पियनशिप में शामिल होने के लिए दिल्ली में अपने घर से निकलते वक्त मेरा मन चिंताओं से घिरा हुआ था। यहां मुझे ‘ओरेंज फेस्टिवल ऑफ एडवेंचर एंड म्यूजिक’ में भी शामिल होना था। अरुणाचल प्रदेश की यह मेरी दूसरी यात्रा थी और इसलिए मैं जानती थी कि मुझे अपनी मंजिल तक पहुंचने में एक दिन लगेगा। मैं दिल्ली से विमान में गुवाहाटी गई और ईटानगर तक छोटी बस से सफर किया। ईटानगर ‘उगते सूरज का पर्वत’ कहे जाने वाले राज्य की राजधानी है। मैंने कुछ अन्य पत्रकारों के साथ एक रात वहीं विश्राम किया, क्योंकि अगले दिन हमें और भी लंबा सफर करना था। अगले दिन सुबह हमें एक एसयूवी कार में बैठाया गया। असम में चाय के सुंदर बागानों से गुजरते हुए गम पासिघाट पहुंचे। यह अरुणाचल प्रदेश के पूर्व में सियांग जिले में स्थित है। इसके बाद का रास्ता हमने पैदल तय किया। दंबुक में संतरे के बगीचों के मनमोहक दृश्य ने मन को प्रफुल्लित कर दिया। पेड़ों से लटकते संतरे बेहद सुंदर लग रहे थे और मेरा मन उन्हें तोड़ने का हो रहा था, लेकिन इस ‘ओरेंज फेस्टिवल ऑफ एडवेंचर एंड म्यूजिक’ महोत्सव के प्रवेशद्वार पर लगे बोर्ड पर साफ लिखा था कि आगंतुकों को फल तोड़ने की इजाजत नहीं है। इस समारोह में मैंने प्रतिस्पर्धी चालकों को उनकी शानदार जिप्सियों और जीप में बैठे देखा। उन सभी को 10 फुट लंबे गड्ढे को पार करना था, जो ‘जेके टायर ओरेंज 4 गुना 4 फरी’ चैम्पियनशिप को जीतने के लिए तय किए गए चरणों में से एक था। इसके बाद मुझे भी एक एटीवी वाहन में बैठने के लिए कहा गया, लेकिन मैंने इसकी यात्रा नहीं की और न ही मुझे 17 किलोमीटर लंबी उस यात्रा का आनंद आया, जिसने हमें आगुंतकों के लिए तैयार किए गए आरामगृहों तक पहुंचाया। मैं अपने बिस्तर पर लेटी आकाश को देख सकती थी, जिस पर चांद और सितारों का सुंदर दृश्य मनमोहक लग रहा था। सुबह उठते थी, जब हमें पता चला कि हाथ-मुंह धोने के बाद आपके प्रतिबिंब को निहारने के लिए कोई शीशा नहीं है तो हमें थोड़ा अटपटा लगा। बहरहाल, यह भी एक अनुभव था। तरोताजा होकर हम चैम्पियनशिप के अगले चरण की ओर बढ़े। एक ओर प्रतिभागी अपने रैली की तैयारी कर रहे थे और दूसरी ओर मैं एक पत्थर पर अपने समोसों, जूस, चिप्स और रसीले संतरों का आनंद ले रही थी। प्रकृति के सुंदर दृश्य में इस तरह खाने का आनंद अविस्मरणीय है। हालांकि, इन सुखद पलों के बीच एक मक्खी मुझे थोड़ा परेशान कर रही थी। थोड़े समय बाद में इस चैम्पियनशिप के एक अन्य चरण की ओर बढ़े। यह चरण पहाड़ी से होकर गुजरता था और बेहद रोमांचक तथा दिल दहला देने वाला था। स्कूल के बच्चों और कुछ अन्य स्थानीय निवासियों के साथ मैं इसका आनंद ले रही थी। आखिरकार इस समारोह में मुझे संगीत का आनंद लेने का भी अवसर मिला। मैं अगले दिन के लिए काफी उत्साहित थी, क्योंकि मुझे रिवर राफ्टिंग करनी थी। तैरना न जानने के कारण मैं थोड़ी घबराई हुई थी, लेकिन लाइफ जैकेट और हैलमेट ने सारा मामला संभाल लिया था। हमें इस रिवर राफ्टिंग में 12 किलोमीटर का रास्ता तय करना था। हर किसी का कहना था कि यह उत्तराखंड के ऋषिकेश में होने वाली रिवर राफ्टिंग से अधिक मजेदार नहीं, लेकिन मैंने इसका भरपूर आनंद उठाया। रिवर राफ्टिंग के बाद हम स्वीडन के गिटार वादक यंगवी मल्मस्तीन के संगीत समारोह में पहुंचे, जो मनमोहक भी था। इस समारोह में मुझे भी गिटार बजाने का अवसर मिला। हालांकि, यह थोड़ा बुरा था। इतनी आनंदमय यात्रा के बाद घर लौटने का समय हो गया था। हमारे लिए एक चौपर का इंतजाम किया गया था, जिसमें बैठकर हम असम के डिबरूगढ़ पहुंचे। डिबरूगढ़ से विमान के जरिए हम दिल्ली पहुंच गए। अपने परिवार के पास आकर मुझे सुकून महसूस हुआ, लेकिन पक्षियों का चहचहाना और इस यात्रा के दौरान बिताए सुखद पल हमेशा जहन में जिंदा रहेंगे। अगर आपका मन सर्दियों में शहर के शोर-शराबे से दूर किसी सुंदर गांव में बिताने और शांति पाने का है, तो आप दंबुक की यात्रा के बारे में जरूर सोचिए। |
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