आयकर संशोधन विधेयक: खुद बताया तो 50%, पकड़े गए तो 85 फीसदी टैक्स
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 28, 2016, 20:17 pm IST
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नई दिल्लीः विमुद्रीकरण के फैसले के बाद बैंक में जमा की गई रकम पर टैक्स लगाने के लिए आयकर एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा सदन में रखे गए संशोधन बिल के तहत, अघोषित आय पर 30 प्रतिशत कर तथा 10 फीसदी पेनाल्टी का प्रावधान है. इसके अलावा कर पर 33 प्रतिशत सरचार्ज (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा सेस) भी वसूला जाएगा. यानी आयकर विभाग को बताने पर आप 50 फीसदी बचा सकेंगे. अगर आयकर अधिकारियों को विमुद्रीकरण लागू होने के बाद अघोषित आय का पता चलता है तो 75 फीसदी कर तथा 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रस्ताव किया गया है. बिल के उद्देश्य और कारण बताने वाले बयान में कहा गया है कि घोषणा करने वालों को अघोषित आय का 25 फीसदी हिस्सा ऐसी योजना में जमा करना होगा, जिसके बारे में सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बातचीत कर बताएगी. इस धन का प्रयोग सिंचाई, हाउसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, शौचालय, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य और आजीविका के प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा ताकि न्याय और बराबरी सुनिश्चित की जा सके. ऐसे समझें: मान लीजिए नोटबंदी के बाद आपकी अघोषित आय एक लाख रुपए है. इस पर आपको 30 फीसदी टैक्स (30 हजार रुपए) तथा 10 फीसदी पेनाल्टी (10 हजार रुपए) चुकानी होगी. इसके अलावा सरकार ने टैक्स पर 33 फीसदी सरचार्ज लगाया है, मतलब आपको 30 हजार का 33 फीसदी (10 हजार लगभग) बतौर पीएमजीके सेस भी चुकाना होगा. कुल मिलाकर 50 हजार रुपए की रकम टैक्स के रूप में जाएगी और आपके पास रह जाएंगे 50 हजार रुपए. अगर आपने यह जानकारी छिपाई तो फिर विभाग आपसे 75 फीसदी टैक्स (75 हजार रुपए) तथा 10 फीसदी पेनाल्टी (10 हजार रुपए) वसूलेगा. इस स्थिति में आपके हाथ में सिर्फ 15 हजार रुपए ही बचेंगे. जिन लोगों ने अपनी अघोषित आय नहीं बताई है और पकड़े जाते हैं, उनके लिए आयकर कानून के वर्तमान प्रावधानों को संशोधित कर एकमुश्त 60 फीसदी टैक्स तथा इस पर 25 फीसदी सरचार्ज (15 प्रतिशत) किया जाएगा, जो कि अघोषित आय का 75 प्रतिशत होगा. इसके अलावा जांच अधिकारी चाहे तो 10 फीसदी पेनाल्टी भी वसूल सकता है। इस स्थिति में कुल जुर्माना रकम का 85 फीसदी हो जाएगा. इस दौरान संसद में विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में विमुद्रीकरण के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखा. गतिरोध दूर करने के लिए, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को बताया कि अगर विपक्ष चाहता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विमुद्रीकरण के मुद्दे पर बोलेंगे। मगर विपक्षी दलों की वोटिंग के साथ चर्चा कराने की मांग ठुकरा दी गई। इसके बाद हंगामे के चलते सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। |
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