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नोटबंदी से प्रॉपर्टी की कीमतें गिरी, सस्ते ऋण ने जगाई उम्मीद
आनंद सिंह ,
Nov 28, 2016, 7:07 am IST
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![]() दक्षिण दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र के प्रॉपर्टी कंसलटेंट ने बताया, “दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पुराने घरों की बिक्री में शामिल 35 से 40 फीसदी रकम काले धन में है। केवल सर्किल रेट के हिसाब से जो भुगतान किया जाता है वह वैध धन होता है। यह नोटबंदी के बाद रुक गया है।” उन्होंने कहा, “इसी प्रकार डेवलपरों द्वारा बनाए गए नए फ्लैटों की बिक्री के मामले में, जिसमें स्वतंत्र घरों वाली संपत्ति के मालिक से संपत्ति को लेकर बिल्डर विकसित करता है। उसमें भी अभी ठहराव आ गया है।” प्रॉपर्टी कंसलटेंट ने कहा, “अब केवल एक ही उम्मीद है। एक बार जब नोटबंदी से उपजे हालात काबू में आ जाते हैं, जोकि तीन-चार या छह महीनों में बताया जा रहा है। तब बैंक अधिक ऋण बांट रहे होंगे। हालांकि प्रापर्टी की कीमतों में 25 फीसदी तक की गिरावट आएगी, लेकिन कारोबार प्रभावित नहीं होगा।” नोटबंदी से बैंकों में काफी अधिक धन जमा हो रहा है। इससे बैंकों के पास ऋण बांटने के लिए अधिक धन है। इससे रियल्टी उद्योग के पास भी अपने अनबिके घर को बेचने का मौका मिलेगा। सरकार ने 8 नबंवर को 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर रोक लगा दी है तथा बैंक से भी निश्चित सीमा से अधिक रकम निकालने पर रोक लगी हुई है। गौड़संस इंडिया के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ का कहना है, “नोटबंदी के कारण मकान की प्राथमिक बिक्री में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि बैंक वास्तविक खरीदार को अधिक ऋ ण देंगे।” गौड़ का कहना है कि नोटबंदी का बुरा असर प्रॉपर्टी के सेंकेडरी बाजार पर पड़ेगा। जहां पर घरों और जमीन की खरीद बिक्री कम सर्किल दरों पर की जाती है। रियल एस्टेट पर लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार विनोद बहल का कहना है, “दिसंबर के बाद यह सेक्टर जोर पकड़ेगा, क्योंकि उपभोक्ता आवास ऋण में कमी का इंतजार कर रहे हैं।” मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम के संपादकीय और सलाहकार प्रमुख जयश्री कुरुप का कहना है, “नोटबंदी के कारण नकदी के प्रचलन वाले उत्तरी भारत और मुंबई के बाजार सबसे प्रभावित हुए हैं। जबकि हैदराबाद और चेन्नई जहां नकदी का ज्यादा प्रचलन नहीं है, वहां इसका कम असर हुआ है। वैसे सौदे जिसमें 30 से 40 फीसदी भुगतान नकद में होने थे, हाल के दिनों में रद्द हो गए हैं। लेकिन बैंक से कर्ज लेकर किए गए सौदे प्रभावित नहीं हुए हैं।” वीबीएसटी- वैल्यू होम्स प्रा. लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक रवि रामू का कहना है, “नकद लेन-देन पर निर्भर रियल एस्टेट अब दम तोड़ चुका है। वैसे बिल्डर जो नकदीरहित लेनदेन करते हैं उनका कारोबार बढ़नेवाला है। नोटबंदी के कदम से कानूनी लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। सस्ते कार ऋण और आवास ऋण से उपभोक्ता को फायदा होगा और वे ज्यादा खर्च करेंगे।” |
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