नोटबंदी से किसान बुरी तरह प्रभावित
रंजना नारायण ,
Nov 27, 2016, 20:46 pm IST
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नई दिल्ली: नोटबंदी की वहज से पूरे देश का व्यापार प्रभावित है. इसका प्रभाव गांव से लेकर शहर तक देखने को मिल रहा हैं. बिहार के मुंगेर जिले में नोटबंदी के चलते व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने लगा है.
थोक एवं चिल्हर दुकानों के अलावा किसानों के छ: महिने की मेहनत की फसल को बेचने के लिए भी मश्कत करनी पड़ रही है. विगत दस दिनों से मंडी बंद है. जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी इन दिनों नोटबंदी के चलते वीरान पड़ी हुई है. व्यापारियों के पास नोट नही होने एवं किसानों को उनकी फसल का दाम नही मिलने के कारण बंद पड़ी है यह मंडी विगत 12 दिनों से मंडी परिसर में कोई भी लेन-देन नहीं हो पा रहा है. शुरूआत के दिनों में किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे थे, किन्तु खरीदार न होने कि स्थिति में वे अपना अनाज वापस ले गये। आसपास की क्षेत्र की यह सबसे बड़ी मंडी में सिजन के समय में प्रतिदिन लगभग करोड़ो रूपय का व्यापार होता था. बाहर की व्यापारी भी आकर यहा से सोयाबीन ,धान सहित मूंगफली आदि की खरीदारी करते थे. पांच सौ एवं हजार रूपय के नोट बंद होने के बाद व्यापारियों के पास चिल्हर नोटों की मारामारी हो गई और किसानों को उनके फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते किसान अपने फसलो को वापस अपने घर ले गये. व्यापारियों को भी नोटों को किल्लत सताने लगी. प्रशासन के द्वारा व्यापारियों की बैठक लेकर खरीदी प्रारंभ करने का प्रयास किया गया था, किन्तु यह प्रयास भी असफल रहा राइस मिलर्स के हड़ताल पर चले जाने की वजह से भी मंडी में आवक जावक पर असर देखने को साफ मिल रहा है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार द्वारा लगाई गई नोटो के लिमिट के चलते व्यपार प्रभावित हो रहा है. किसानों को भुगतान एक दो दिन में ही करना पड़ता है. पैसे नही मिलने के कारण भुगतान में परेशानी हो रही है. जिसके चलते खरीदारी नहीं की जा सक रही है. सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही है कि वो किसानों को छुट और सुविधा दें रही है. लेकिन शायद गांव तक पहुंचते-पहुंचते सरकार के सारे फैसले दम तोड़ दें रहे है. |
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