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'हर किसी की जिंदगी से जुड़ा है ढलाई'
जनता जनार्दन डेस्क ,
Nov 14, 2016, 21:03 pm IST
Keywords: Molding industry Casting industry Institute of Foundriman IIF Anil Vaswani धातु ढलाई द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन आईआईएफ ढलाई उद्योग अनिल वासवानी
![]() द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन (आईआईएफ) ढलाई उद्योग से जुड़ी कंपनियों का शीर्ष संगठन है, जिससे करीब तीन हजार कंपनियां जुड़ी हैं। शुक्रवार को दिल्ली में इन कंपनियों के सीईओ की बैठक थी, जिसमें इस उद्योग की जरूरतों और चुनौतियों पर चर्चा की गई। इस बैठक से इतर आईआईएफ के अध्यक्ष अनिल वासवानी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "यह उद्योग अभी कठिन दौर से गुजर रहा है। 2008 के बाद से मंदी की मार झेल रहा है। लेकिन हम चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं और उम्मीद है अगले एक-दो साल में इस उद्योग का विकास तेज होगा।" वासवानी ने कहा कि आज इस उद्योग को कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि, पर्यावरण मानकों के पालन का दबाव, वित्तीय समस्याएं, मांग में कमी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग में करीब 50 प्रतिशत छोटी और मझोली कंपनियां हैं। इसकी वजह से कई कारखाने अब भी पुरानी मशीनों के सहारे चल रहे हैं, हालांकि आईआईएफ ने अपने स्तर पर कंपनियों के आधुनिकीकरण के लिए कुछ योजनाएं बनाई हैं और उस पर अमल किया जा रहा है। वासवानी ने आईएएनएस से कहा, "मशीनों के आधुनिकीकरण करने के साथ ही हमने एक साफ्टवेयर बनाया है जिससे छोटी और मझोली कंपनियों को काफी लाभ होगा। अभी इनको इस सॉफ्टवेयर के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही कुशल कामगार उपलब्ध कराने के लिए हमने प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। हमारे 20 प्रशिक्षक देशभर में स्थानीय भाषा में कंपनियों में जाकर कौशल प्रशिक्षण देते हैं।" उन्होंने कहा कि अगले साल तक हमने 2000 कामगारों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। वासवानी ने कहा कि अभी इस उद्योग की विकास दर गैर लौह धातु (नॉन फेरस) के मामले में करीब 10 प्रतिशत है वहीं लौह धातु (फेरस) के मामले में करीब 5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग को सबसे ज्यादा उम्मीदें रक्षा उद्योग और रेलवे सेक्टर है। इन दोनों में काम बढ़ने से इस उद्योग को भी ज्यादा काम मिलेगा और विकास दर तेज होगी। वासवानी ने कहा कि इस उद्योग के लिए जीएसटी की दर 12 प्रतिशत रखने का वे सरकार से आग्रह करेंगे। उल्लेखनीय है कि मेटल कास्टिंग उद्योग में चीन 4.5 करोड़ टन उत्पादन के साथ पहले नंबर है और अमेरिका 1.2 करोड़ टन उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत 1.1 करोड़ टन उत्पादन के तीसरे स्थान पर है। |
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