बहुलतावाद और सहिष्णुता भारतीय सभ्यता की पहचान: राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में राष्ट्रपति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 25, 2016, 9:03 am IST
Keywords: President Pranab Mukherjee Rashtriya Sanskriti Mahotsav Unity in diversity Diversity India's diversity Tolerance राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सहिष्णुता बहुलतावाद भारतीय सभ्यता राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव
नई दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि सहिष्णुता और बहुलतावाद भारतीय सभ्यता की विशिष्ट पहचान रही है और हमारी यह बुनियादी राष्ट्रीय अवधारणा निर्विध्न जारी रहनी चाहिए. क्योंकि भारत की ताकत इसकी विविधता में है.
साथ ही राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि हमारे नागरिकों विशेषकर युवाओं के लिए हमारे जैसे बहुलवादी समाज में सहिष्णुता, विरोधी विचारों के प्रति आदर और धैर्य जरूरी है. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने यहां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के समापन समारोह के मौके पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि विविधता दोधारी तलवार है. यदि हम सब शांति और सद्भाव से मिलकर काम करें तो राष्ट्र के रूप में हम शिखर की उंचाई छू सकते हैं. मगर इसकी नकारात्मक दिशा सब कुछ ध्वस्त कर सकती है. राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि भारत अभी तक दुनिया में सह अस्तित्व के चमकते सितारे के रुप में रहा है जबकि दुनिया के कई हिस्सों में लोगों का आपसी संघर्ष उन्हें अंधकार की गहरी खाई में ले जा रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी संस्कृति की विविधता और अध्यात्म की प्राचीन विरासत की मजबूती का नमूना है कि आज पश्चिमी दुनिया हमारी इस सांस्कृतिक-अध्यात्मिक शक्ति को लेकर गहरी दिलचस्पी दिखा रही है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसा यह आयोजन हमारी इस विरासत को और मजबूत करता है. साथ ही देश की अलग-अलग संस्कृति और कला को एक राष्ट्रीय मंच देता है. राष्ट्रपति ने संस्कृति महोत्सव की कामयाबी के लिए संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की भी तारीफ की और कहा कि ऐसे प्रयासों से हमारे युवाओं में अपनी विरासत की जड़ें जमाने में मदद मिलेगी. |
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