कलात्मक राखी में 'बेटी है तो कल है' का संदेश
जनता जनार्दन डेस्क ,
Aug 17, 2016, 15:02 pm IST
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में रक्षाबंधन के अवसर पर बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को और भी ज्यादा बढ़ावा देने के लिए राजधानी रायपुर के नजदीक माना कैंप स्थित शासकीय बाल गृह (बालिका) बालिकाओं द्वारा विशेष कलात्मक राखी तैयार की गई है, जिसमें बेटियों की रक्षा के लिए समाज को ‘बेटी है तो कल है’ का सार्थक संदेश दिया गया है.
संस्था महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन बालिकाओं के इस रचनात्मक प्रयास की प्रशंसा की है. महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री रमशिला साहू ने अपने विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों, प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को अपने पत्र के साथ शासकीय बाल गृह की बालिकाओं की ओर से यह विशेष राखी भेजी है. इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने भी अपने पत्र के साथ मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिवों सहित प्रदेश सरकार के सभी प्रमुख सचिवों को यह विशेष राखी भेजकर इन बालिकाओं को प्रोत्साहन देने का अनुरोध किया है. उन्होंने सभी 27 जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी यह राखी भेजी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में एक हजार बालकों की तुलना में केवल 969 बालिकाएं हैं. शहरी क्षेत्रों में यह अनुपात 932 और ग्रामीण क्षेत्रों 972 है. स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बच्चों का लिंगानुपात तेजी से कम हुआ है. इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि इस सामाजिक संकट के प्रति समाज को संवेदनशील बनाया जाए. पत्र में कहा गया है कि बालक-बालिकाओं के लिंगानुपात में सुधार लाने, बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें सुनहरा भविष्य देने के लिए शासन द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, ‘नोनी सुरक्षा योजना’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, ‘किशोरी शक्ति और सबला योजना’ आदि योजनाएं संचालित की जा रही हैं. बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ाने तथा बेटियों की रक्षा के लिए सामाजिक संदेश देने शासकीय बाल गृह (माना कैंप) रायपुर की बालिकाओं द्वारा यह रक्षासूत्र (राखी) तैयार किया गया है. पत्र में सभी लोगों से रक्षाबंधन के पावन अवसर पर कन्या भ्रूणहत्या रोकने तथा बालिकाओं और महिलाओं के प्रति हिंसा और भेद-भाव को समाप्त करने के संकल्प के रूप में इस रक्षासूत्र को बांधकर अभियान में सहयोग प्रदान करने की अपील की गई है. |
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