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भारतीय श्रमिकों के उत्पीड़न में खाड़ी देश अव्वल, 87 फीसदी मामले यहीं से

भारतीय श्रमिकों के उत्पीड़न में खाड़ी देश अव्वल, 87 फीसदी मामले यहीं से सऊदी अरब में भोजन को तरह रहे नौकरियां खो चुके भारतीय श्रमिकों की संख्या हजारों में है. यह कोई आज की बात नहीं है जब खाड़ी देश में भारतीय श्रमिकों की ऐसी दशा हुई हो. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो नौ देशों में भारतीय दूतावासों को भारतीय श्रमिकों से मिलने वाली उत्पीड़न की 87 फीसदी शिकायतें छह खाड़ी देशों से आती हैं.

इनमें भी आधी के करीब शिकायतें कतर से मिलीं, जबकि सऊदी अरब इस क्रम में दूसरे नंबर पर है.

विदेश मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, नौ देशों में स्थित भारतीय दूतावासों को बीते तीन वर्षो के दौरान भारतीय श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार और 'शोषण' की कुल 55,119 शिकायतें मिलीं.

इन शिकायतों में अकेले कतर स्थित भारतीय दूतावास को 13,624 शिकायतें मिली हैं, जबकि सऊदी अरब में 11,195 शिकायतें, कुवैत में 11,103 शिकायतें और मलेशिया में 6,346 शिकायतें भारतीय दूतावासों को मिलीं.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 30 जुलाई, 2016 को स्वीकार किया कि सऊदी अरब में नौकरियां खो चुके भारतीय श्रमिकों के सामने भूख से निपटने की चुनौती है.

सुषमा ने ट्वीट किया, "सऊदी अरब में भोजन के संकट का सामना करने वाले भारतीय श्रमिकों की संख्या 10 हजार के करीब है, न कि 800, जैसा कि खबरों में बताया जा रहा है."

सुषमा ने अगले ट्वीट में समस्या का समाधान हासिल करने का वादा करते हुए कहा, "सऊदी अरब में नौकरियां खो चुके किसी भारतीय श्रमिक को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा."

विदेश मंत्रालय ने संसद में दाखिल जवाब में कहा, "भारतीय श्रमिकों से मिली शिकायतों में वेतन न मिलना या देर से मिलना या कम वेतन मिलना, तय समय से ज्यादा काम लेना, वीजा का नवीनीकरण न कराना, आवास की खराब व्यवस्था, शारीरिक प्रताड़ना, वीजा और लेबर कार्ड का समय पर नवीनीकरण न कराना, छुट्टियां न मिलना, करार अवधि समाप्त होने के बाद भी स्वेदश वापसी के लिए हवाई टिकट न देना, वीजा और पासपोर्ट को जबरन अपने कब्जे में रखना शामिल हैं."

मंत्रालय ने हालांकि कहा कि यौन उत्पीड़न की कोई शिकायत नहीं मिली है.

सऊदी अरब की जेलों में बंद कैदियों में 47 भारतीय नागरिक हैं। मंत्रालय के जवाब के अनुसार, सऊदी अरब की जेलों में दुनिया के किसी भी देश की अपेक्षा सर्वाधिक भारतीय कैदी हैं, जिनकी कुल संख्या 1,697 है.

इंडियास्पेंड की अगस्त, 2015 में आई रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब या कुवैत में भारतीय श्रमिकों को इतनी खराब व्यवस्था में काम करना पड़ता है कि उसके कारण मौत का खतरा अमेरिका में रहने वाले भारतीय श्रमिकों की अपेक्षा 10 गुना अधिक होता है.

सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कुवैत में प्रत्येक एक लाख भारतीय श्रमिकों पर 65 से 78 मौतों की रिपोर्ट है.

औसतन खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीय श्रमिकों में हर साल 69 की मौत हो जाती है. वहीं शेष दुनिया में रह रहे भारतीय श्रमिकों में मौत का औसत 26.5 प्रति वर्ष है.

सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास को 2016 की पहली छमाही में 1676 शिकायतें मिलीं.

# आंकड़ा गैर लाभकारी लोकहित पत्रकारिता मंच, इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत. यहां प्रस्तुत विचार लेखक के अपने हैं.
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