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प्रिटोरिया में राष्ट्रपति जुमा से मिले पीएम मोदी, बोले आतंकवाद एक साझा खतरा

प्रिटोरिया में राष्ट्रपति जुमा से मिले पीएम मोदी, बोले आतंकवाद एक साझा खतरा
प्रिटोरिया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की जिसका उद्देश्य अफ्रीकी महाद्वीप से संबंधों खासकर आर्थिक क्षेत्र में संबंधों को सुदृढ़ करना। जुमा के साथ वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक साझा खतरा है।
 
प्रिटोरिया में जुमा के साथ वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'आतंकवाद एक साझा खतरा है। हम आतंकवाद से मुकाबले में क्षेत्रीय और वैश्विक तौर पर सहयोग के लिए सहमत हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘पुरानी मित्रता के लिए नये आयाम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से मुलाकात।’ प्रधानमंत्री के यूनियन भवन में पहुंचने पर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया गया।
 
स्वरूप ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका में शुरुआत। यूनियन भवन प्रिटोरिया में पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भव्य स्वागत।’ यहां पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि दक्षिण अफ्रीका ‘महत्वपूर्ण सामरिक साझीदार है जिसके साथ हमारे संबंध ऐतिहासिक और गहराई से जुड़े हुए हैं।’ दक्षिण अफ्रीका में मोदी भारत-दक्षिण अफ्रीका व्यापार बैठक को भी संबोधित करेंगे जिसके साथ भारत का 2015..16 में 5.3 अरब डॉलर का व्यापार रहा है।
 
मोजाम्बिक से यहां पहुंचे मोदी तंजानिया और केन्या भी जाएंगे।
मोदी जोहानिसबर्ग के एक स्टेडियम में भारतीय मूल के लोगों को शाम में संबोधित करेंगे और फिर कल डरबन जाएंगे। भारत और दक्षिण अफ्रीका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में सुधार के लिए अभियान चला रहे हैं।
 
साउथ अफ्रीकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स की एलिजाबेथ सिडिरोपोउलस ने एएफपी को बताया, ‘कई साल से चीन भारत से ज्यादा सक्रिय रहा है और द्वीप पर ज्यादा जुड़ाव रखने वाले भारत की शुरुआत है।’ ‘अफ्रीका अब भारत की नजरों में है और निश्चित तौर पर यह लंबे समय से चले आ रहे आर्थिक और राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर है।’ भारत दक्षिण अफ्रीका का छठा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। वर्ष 2015-16 में इनके बीच का दोतरफा व्यापार 5.3 अरब डॉलर पहुंच गया।
 
दक्षिण अफ्रीका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर मुखर रहा है, जिसके कारण स्थायी सदस्य बनने की दिशा में लंबे समय से चले आ रहे भारत के अभियान में वह एक प्राकृतिक सहयोगी बन गया है। भारत और अफ्रीका की कुल जनसंख्या दुनिया की जनसंख्या का एक तिहाई है लेकिन भारत या किसी अफ्रीकी देश को परिषद में स्थायी सीट प्राप्त नहीं है।
 
परिषद के स्थायी सदस्य हैं- ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका।
दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान मोदी उन 20 वर्षों के प्रति सम्मान व्यक्त करेंगे, जो स्वतंत्रता के नायक महात्मा गांधी ने इस देश में एक वकील और भारतीय लोगों के अधिकारों के लिए अभियान चलाने वाले कार्यकर्ता के तौर पर बिताए।
 
मोदी ने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के प्रवास ने उन्हें किस तरह प्रभावित किया है।’ ‘वह दक्षिण अफ्रीका में एक वकील के तौर पर काम की तलाश में गए थे और मानवीय मूल्यों की एक ऐसी मजबूत आवाज बनकर भारत लौटे, जिसने मानवता के इतिहास को एक आकार दे दिया।
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