बंद होकर भी ख़बरों में बना रह रहा 'न्यूज आफ द वर्ल्ड'
लंदन: शायद इस अखबार की नियति यही है. पहले इसने सेक्स, अपराध और सनसनीखेज खुलासों से ब्रिटेन निवासियों को चकाचौंध कर रखा और अब जब यह फोन हैकिंग के आरोपों के चलते बंद हो गया तब भी इसके लोगों के खिलाफ चल रही जांच हर दिन सुर्खियां बटोर रही हैं. पुलिस ने रविवार को 'न्यूज इंटरनेशनल' (एनआई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेबेका ब्रुक्स को गिरफ्तार कर लिया। बाद में सोमवार को सुबह उन्हें जमानत दे दी गई. वहीं आरोपों से घिरने पर फोन हैकिंग के मामले में लंदन के पुलिस प्रमुख पॉल स्टीफेंसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
पुलिस समाचार पत्र 'न्यूज आफ द वर्ल्ड' पर फोन हैकिंग और संवेदनसील सूचनाएं पाने के लिए पुलिस अधिकारियों को कथित रूप से घूस देने के आरोपों की जांच कर रही है।
ब्रुक्स 'न्यूज इंटरनेशनल' के मालिक और मीडिया मुगल के नाम से मशहूर रूपर्ट मडरेक की करीबी सहयोगी हैं।
समाचार पत्र 'गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रोपालिटन पुलिस ने कहा कि रविवार दोपहर एक 43 वर्षीया महिला को गिरफ्तार किया गया। महिला को लंदन के एक पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
माना जा रहा है कि ब्रुक्स मंगलवार को सांसदों की एक समिति के समक्ष पेश होकर सबूत प्रस्तुत करेंगी। समाचार पत्र के मुताबिक रविवार के दिन एक महिला को पूछताछ के लिए बुलाकर गिरफ्तार करना ठीक नहीं है।
पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "मेट्रोपालिटन पुलिस सेवा (एमपीएस) ने भ्रष्टाचार और फोन हैकिंग के मामले में रविवार को एक महिला को गिरफ्तार किया।"
बयान के मुताबिक, "ऑपरेशन वीटिंग टीम और ऑपरेशन एल्वेडन टीम के अधिकारियों ने लंदन के एक पुलिस स्टेशन में करीब 12 बजे एक 43 वर्षीया महिला को पूछताछ के लिए बुलाया था। अब वह महिला हिरासत में है।"
ज्ञात हो कि ऑपरेशन वीटिंग टीम फोन हैकिंग की जांच कर रही है और ऑपरेशन एल्वेडन टीम मामले में पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने की जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि फोन हैकिंग मामले में बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते ब्रुक्स ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
समाचार पत्र की पूर्व सम्पादक ब्रुक्स पर अपराध पीड़ितों, हस्तियों और राजनीतिज्ञों का फोन हैक करने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने सम्भावित 400 लोगों की पहचान की है। मामले को गम्भीर मोड़ लेता देख मडरेक को अपने 168 साल पुराने अखबार को गत 10 जुलाई को बंद करना पड़ा।
जनवरी 2007 में सम्पादक क्लाइव गुडमैन और जासूस ग्लेन मुलकेरे को शाही परिवार के मोबाइल फोन के स्वर संदेशों की हैकिंग करने की साजिश में जेल जाना पड़ा था।
वहीं, मामले के तूल पकड़ने पर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को बुधवार को संसद में कहना पड़ा कि मामले में दोषी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस बीच फोन हैकिंग के मामले में लंदन के पुलिस प्रमुख पॉल स्टीफेंसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
'न्यूज ऑफ द वर्ल्ड' अखबार के पूर्व उपसम्पादक नी वैलिस को लंदन पुलिस का जनसम्पर्क सलाहकार नियुक्त किए जाने के कारण ब्रिटेन के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी स्टीफेंसन की आलोचना हो रही थी। हैकिंग की जांच कर रही पुलिस ने नील से भी पूछताछ की है।
स्टीफेंसन ने कहा कि इस घटना से बहुत सबक सीखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपना पद छोड़ रहे हैं लेकिन उनकी साख बरकरार है। उन्होंने कहा कि फोन हैकिंग के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी।
बीबीसी के मुताबिक स्टीफेंसन ने कहा, "लंदन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और न्यूज इंटरनेशनल खासतौर से नील वैलिस के साथ सम्बंधों को लेकर लगातार की जा रही अटकलबाजियों और आरोप के कारण मैने यह फैसला लिया है।"
स्टीफेंसन को अपनी पत्नी के साथ एक आरामदेह स्वास्थ्य केंद्र में ठहरने के लिए भी सवालों का सामना करना पड़ रहा है।