Saturday, 28 December 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

किसी बड़े हमले का रिहर्सल तो नहीं

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 17, 2011, 10:49 am IST
Keywords: Mumbai Blasts   Dry run   Bigger blasts   Terrorism   Security experts   Investigating agencies   मुम्बई   विस्फोट   बड़े हमले   पूर्वाभ्यास   सुरक्षा विशेषज्ञ   
फ़ॉन्ट साइज :
किसी बड़े हमले का रिहर्सल तो नहीं मुम्बई: मुम्बई में बुधवार को हुए तीन सिलसिलेवार बम विस्फोट क्या किसी बड़े हमले के 'पूर्वाभ्यास' थे? एक शीर्ष सुरक्षा विशेषज्ञ ने हमले में इस्तेमाल विस्फोटकों की मात्रा और अब तक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपनी यह राय जाहिर की है।

आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञ और सेना के वरिष्ठ अधिकारी सेवानिवृत कर्नल एम.पी. चौधरी के मुताबिक अपराधियों ने मुम्बई के विशेष और आसानी से नुकसान पहुंचाने योग्य स्थानों ओपेरा हाउस, झावेरी बाजार और दादर में विस्फोट किए।

चौधरी के मुताबिक ये स्थान हीरे और जवाहरात के कारोबार के लिए मशहूर हैं और यहां भारी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं। अपराधियों का उद्देश्य नुकसान पहुंचाने से ज्यादा भय पैदा करना था।

चौधरी ने कहा, "मेरा मानना है कि ये विस्फोट किसी बड़े हमले के 'पूर्वाभ्यास' हो सकते हैं, जिसके बारे में हमलोगों ने अभी सोचा नहीं है।"

उन्होंने कहा, "मैं सोचता हूं कि यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। इस तरह के हमले की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जांच एजेंसियों को इस तरफ अपना ध्यान अवश्य केंद्रित करना चाहिए।"

ज्ञात हो कि मुम्बई में बुधवार को हुए बम विस्फोटों में 19 लोग मारे गए और 129 घायल हो गए।

चौधरी ने कहा कि यह पूरी तरह सम्भव है कि विस्फोटों को एक अज्ञात छोटे समूह अथवा कुछ परिचित आतंकवादी संगठन से अलग हुए एक गुट ने अंजाम दिया होगा।

अपने विश्लेषण को सही ठहराते हुए चौधरी ने पुलिस के तथ्यों के आधार पर कहा कि प्रत्येक घटनास्थल पर करीब एक किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ और इन विस्फोटों का लक्ष्य 'अत्यधिक नुकसान' पहुंचाना न होकर बल्कि वांछित इलाकों में 'अत्यधिक भय' पैदा करना था।

भारत के पहले एंटी हाइजैक फोर्स और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को गठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के अगुआ चौधरी ने कहा कि इस हमले में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय माफिया की सम्भावित भूमिका की भी 'पूरी तरह से जांच करने की जरूरत है।'

चौधरी ने कहा कि जांच एजेंसियों को इस बात का पता करना चाहिए कि हीरे और जवाहरात के कारोबारियों को क्या पिछले कुछ दिनों में फिरौती के लिए धमकियां मिली थीं।

चौधरी के मुताबिक विस्फोट के तीनों स्थल काफी घने हैं और इन स्थानों पर बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में इन स्थानों की रेकी के बाद उच्च तीव्रता वाले विस्फोट किए जा सकते थे।

उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी सम्भावना है कि सीमा पार प्रशिक्षित एक छोटे समूह ने विस्फोट किए हों अथवा सीमा पार के किसी व्यक्ति ने यहां आकर बम बनाना सिखाया हो अथवा एक बड़े आतंकवादी संगठन से अलग हुए समूह ने 'पूर्वाभ्यास' के तौर पर विस्फोटों को अंजाम दिया हो।
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल
सप्ताह की सबसे चर्चित खबर / लेख