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आतंकवादियों के निशाने पर भाखड़ा

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 16, 2011, 16:17 pm IST
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आतंकवादियों के निशाने पर भाखड़ा  चण्डीगढ़/नांगल: भाखड़ा नांगल बांध पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकवादी संगठनों के निशाने पर है। यह जानकारी विशिष्ट खुफिया रपटों में दी गई है।

गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब पुलिस सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को हाल में एक रपट भेजकर आगाह किया है कि पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठन 225 मीटर ऊंचे भाखड़ा नांगल बांध को निशाना बना सकते हैं। यह बांध पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा के निकट स्थित है।

आईबी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसी खुफिया जानकारियां मिली हैं जिससे संकेत मिलते हैं पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन बांध को निशाना बना सकते हैं। आतंकवादियों को चट्टानों पर चढ़ने, तैरने के अलावा विस्फोटकों के बारे में भी अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके पीछे मंशा देश के प्रमुख बांधों को निशाना बनाने की है, विशेषतौर पर जो जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं।"

रपट में चेतावनी दी गई है कि जमात-उद-दावा और लश्कर जैसे आतंकवादी संगठन हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे के मुद्दे को भी भावनात्मक तरीके से उठा रहे हैं और यह आरोप लगा रहे हैं कि भारत बांधों का निर्माण कर पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियों के जल के बहुत बड़े हिस्से का इस्तेमाल कर रहा है। रपट के अनुसार आर्थिक तौर पर महत्वपूर्ण होने तथा व्यापक नुकसान की क्षमता होने की वजह से ही भाखड़ा बांध आतंकवादियों के सूची में प्रमुख रूप से शामिल है।

भाखड़ा बांध भारत की पहली और सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना है जिसे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 'पुनर्जीवित होते भारत का मंदिर' करार दिया था।

आईबी की रपट के मुताबिक वर्तमान में भाखड़ा बांध की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम और वहां लगाए गए उपकरण अपर्याप्त हैं। बांध की सुरक्षा में कई एजेंसियों के शामिल होने से भ्रम की स्थिति है और जिम्मेदारियों के बंटने का खतरा है। आईबी के मुताबिक इस पूरी परियोजना के सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी एक एजेंसी के हाथ में होनी चाहिए।

भाखड़ा बांध की सुरक्षा का जिम्मा अर्धसैनिक बल, हिमाचल तथा पंजाब पुलिस को सौंपा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध की सुरक्षा में जो उपकरण लगाए गए हैं वह अपर्यापत हैं, और जिस तरह के वॉकी-टॉकी का प्रयोग हो रहा है वह बहुत पुराने हो चुके हैं।

आईबी ने सलाह दी है कि बांध की सुरक्षा के लिए तत्काल लोगों की क्षमता बढ़ाने और उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। वहां पर सभी इलाकों में निगरानी टॉवर और कैमरे लगाए जाने चाहिए। किसी भी खतरे से निपटने के लिए स्पीड बोट की भी व्यवस्था किए जाने की बात कही गई है।
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