राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट शिल्पकारों को शिल्पगुरू और राष्ट्रीय पुरस्कार किए प्रदान
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 10, 2015, 11:41 am IST
Keywords: President Pranab Mukherjee New Delhi Vigyan Bhawan Crafts master National Award 2012 2013 and 2014.21 Shilpguru awards 59 National award राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नई दिल्ली विज्ञान भवन शिल्पगुरू राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2012 2013 और 2014 21 शिल्पगुरू पुरस्कार 59 राष्ट्रीय पुरस्कार
नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शिल्पगुरू और राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने वर्ष 2012, 2013 और 2014 के लिए 21 शिल्पगुरू पुरस्कार और 59 राष्ट्रीय पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रदान किए।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिल्पियों में 16 महिलाएं भी शामिल हैं। इन पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य भारतीय हस्तशिल्प में महत्वपूर्ण योगदान और शिल्प में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिल्पकारों को पहचान देना है। इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले उत्कृष्ट शिल्पकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने और भारतीय हस्तशिल्प परंपराओं के संवर्द्धन और संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का स्वदेशी हस्तशिल्प हमारे जीवन का एक पोषित पहलू है। उन्होंने कहा कि उनकी व्यापक श्रेणियां राष्ट्र की विविधता और अनंत रचनात्मकता को दर्शाती हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि प्रत्येक भौगोलिक क्षेत्र और उप-क्षेत्र अपना व्यक्तिगत अंदाज और परंपरा रखता है जो इसके समाज की प्राचीन जीवन-लय का आधार है। राष्ट्रीय पुरस्कार और शिल्पगुरू पुरस्कार प्रदान करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह भारत के शिल्पियों के उत्कृष्ट योगदान की पहचान है। जिन्होंने वैश्विक स्तर पर अपने उत्पादों के माध्यम से भारत के लिए अपनी सृजनात्मकता को प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर कुल अस्सी शिल्पियों को पुरस्कार प्रदान किया गया। राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले हस्तशिल्प समुदाय को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिल्पियों को शुभकामनाएं देते हुए केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि पुरस्कार न सिर्फ पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को उनके कौशल को बनाए रखने की पवित्र जिम्मेदारी का एहसास कराता है बल्कि हस्तशिल्प परंपरा को भी जिंदा बनाए रखता है। उन्होंने उम्मीद जताई की यह पुरस्कार शिल्पियों को दूसरों को प्रशिक्षण देने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने को प्रोत्साहन देंगे। कपड़ा सचिव डॉ. एस.के. पांडा ने शिल्पियों के योगदान के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हुए हस्तशिल्प क्षेत्र के संवर्धन के लिए सरकार द्वारा अपनाए गए नए दृष्टिकोणों का उल्लेख किया। इस अवसर पर विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) डॉ. के.गोपाल और विकास आयुक्त (हथकरघा) श्री आलोक कुमार भी उपस्थित थे। 1965 से प्रारंभ हुए इन पुरस्कारों के लिए 2014 तक कुल 1,193 उत्कृष्ट हस्तशिल्पियों का पुरस्कार के लिए चयन किया जा चुका है जिनमें 186 महिलाएं भी हैं। पुरस्कार प्राप्तकर्ता को एक लाख रूपये नगद, एक ताम्रपत्र, एक अंगवस्त्रम और एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। |
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