बोलविया को बदल दिया जिंदल परियोजना ने
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 16, 2011, 19:34 pm IST
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नई दिल्ली: इस्पात कारोबारी नवीन जिंदल के स्वामित्व वाले जिंदल समूह की 2.1 अरब डॉलर की इस्पात और ऊर्जा संयंत्र परियोजनाएं बोलिविया में हजारों रोजगार पैदा करेंगी और देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाएंगीं। इनसे बोलीविया में औद्योगिकीकरण और विकास को बढ़ावा मिलेगा। जिंदल समूह के एक प्रमुख अधिकारी ने यह बात कही।
जिंदल समूह दक्षिण अमेरिका में सबसे ज्यादा निवेश करने वाली भारतीय कम्पनी है। कम्पनी की योजना अगले आठ साल में यहां खनन और 17 लाख टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता वाले स्टील संयंत्र, एक छह-एमटीपीए स्पंज आयरन संयंत्र, एक 10-एमटीपीए लौह अयस्क पैलेट संयंत्र और 450 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाले विद्युत संयंत्र की स्थापना पर 2.1 अरब डॉलर का निवेश करेगी। करीब एक करोड़ जनसंख्या और 18 अरब डॉलर के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वाले देश में 2.1 अरब डॉलर का निवेश काफी बड़ा निवेश है, यह पूरे जीडीपी का लगभग 12 प्रतिशत है। इस बड़े निवेश की योजना के कारण जिंदल बोलीविया में घर-घर में चर्चित हो गए हैं। जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नवीन जिंदल परियोजनाओं के काम की समीक्षा के लिए एक सप्ताह के बोलीविया दौरे पर गए हैं। अधिकारी ने कहा कि कम्पनी को वर्ष 2014 से बोलीविया में स्टील का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। अर्जेटीना, उरुग्वे और पराग्वे में भारत के राजदूत आर. विश्वनाथन ने कहा, "बोलीविया में जिंदल स्टील की चर्चा हर जगह हो रही है।" विश्वनाथन ने कहा, "सांता क्रूज हवाईअड्डे पर आप टैक्सी चालक को केवल इतना कहें कि जिंदल कार्यालय जाना है तब आपको पता बताने की जरूरत नहीं है। वहां सब जानते हैं। केवल इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपको वहां जिंदल को हिंदल कहना होगा क्योंकि स्पेनिश में ज का उच्चारण ह की तरह होता है।" |
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