बी.पी. गौतम ,
Jul 28, 2014
प्रकाश हिन्दुस्तानी, यह नाम स्वयं ही एक ब्रांड है। अपने लेखन के चलते पत्रकारिता जगत में बहुचर्चित प्रकाश हिन्दुस्तानी का नाम व चेहरा हर पाठक पहचानता है, उनके बारे में जितनी अधिक बात की जाये, उतनी कम ही रहेगी, इसलिए पिछले दिनों उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक की ही बात करते हैं।चायवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तिलिस्म” नाम की यह पुस्तक बाजार में आते ही चर्चा में आ गई और अब लोकप्रियता के शिखर की ओर लगातार अग्रसर है। ....
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जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 31, 2011
जिंदगी जीने का नाम है। फिर भी कई कारणों से आज की तेज भागती दुनिया में लोग खुद को काफी पिछड़ता हुआ महसूस करते हैं। पेशेवर जिंदगी में उस मुकाम तक पहुंचने की हर कोई कोशिश कर रहा है, जो इसके हकदार हैं। लेकिन कई बार खुद की काबिलियत पहचान नहीं पाने के कारण वे वहां तक पहुंचने से चूक जाते हैं। ऐसी ही कई और समस्याएं हैं, जो लोगों को खुशनुमा तरीके से जिंदगी जीने से रोकती हैं। लेकिन 'सेलिब्रेट योर लाइफ' पुस्तक ऐसे लोगों की समस्याओं का समाधान लेकर आई है। ....
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जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 23, 2011
रूम 103 नानक पुरा थाना' उस पुस्तक का नाम है जो घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की भावनाओं के विभिन्न आयाम से परिचित कराती है। किस विद्रूपता के साथ महिलाएं हिंसा का शिकार होती हैं, भयानक संत्रास के उस दौर में उनके मनमस्तिष्क में कैसे विचार आते हैं और कि वह पीड़ा सहती ही क्यों हैं? उनके भीतर भी कुछ कर गुरजने की आकांक्षा हिचकोले खाती है क्या?
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अनंत विजय ,
Sep 03, 2011
कविता में शब्दों का चयन उसे चमका देती है लेकिन अगर वही शब्द अगर जबरदस्ती ठूंसे जाते हैं तो स्पीड ब्रेकर की तरह झटके भी देते हैं । अपनी कविता को लेकर इमोशनल कवयित्री इतने पर ही नहीं रुकती हैं- पाठकों से भी आग्रह करती है कि – इन्हें मैंने नजाकत से रखा था । आप भी इन्हें नजाकत से ही पढ़िएगा । कवयित्री का यह आग्रह उनकी कविताओं में एक जबरदस्त मोह के रूप में सामने आता है ....
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अनंत विजय ,
Jul 30, 2011
ओसामा के बारे में लिखना लगभग नामुमकिन था क्योंकि जब से आतंकी गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर किया तो उसने खुद को जन-गतिविधियों से दूर कर लिया । जब 1980 में सोवियत सेना ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो ओसामा और उसके रहनुमा अब्दुल्ला आजम ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से मुजाहिदीनों की मदद शुरू कर दी । उस वक्त तक ओसामा आतंकी संगठनों को सिर्फ आर्थिक मदद कर रहा था । ....
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