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खास लोग
पुण्यतिथि 21 अगस्त विशेष: शहनाई का खत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम सविता आनंद ,  Aug 20, 2024
तुम्हें इस दुनिया से गए 18 बरस हो चुके और इन 18 बरसों में तुम्हारे जाने के बाद जो मैंने महसूस किया वो तुमसे साझा करना चाहती हूँ। मात्र 3 साल की उम्र में तुम्हारे नन्हें हाथों ने जब पहली बार मुझे ....  लेख पढ़ें
दिव्या पाहुजा मर्डर केस में शामिल थी अभिजीत की दूसरी गर्लफ्रेंड? जनता जनार्दन संवाददाता ,  Jan 08, 2024
गैंगस्टर संदीप गाडोली की गर्लफ्रेंड रही दिव्या पाहुजा के मर्डर मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है, पुलिस की जांच में पता चला है कि इस मर्डर मामले में आरोपी अभिजीत सिंह की दूसरी गर्लफ्रेंड भी शामिल थी. उस युवती ने दिव्या पाहुजा की डेड बॉडी को भी देखा था. पुलिस ने इस इनपुट के बाद उसे भी जांच में शामिल कर लिया है और उससे इस हत्याकांड में भूमिका चेक की जा रही है. माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है. ....  लेख पढ़ें
शहादत के 91वें साल (27 फरवरी) पर विशेष: चंद्रशेखर आजाद और उनका फरारी जीवन गौरव अवस्थी 'आशीष' ,  Feb 27, 2022
गुलाम भारत को आजाद कराने में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शहीद-ए-आजम चंद्रशेखर आजाद की शूरता-वीरता के किस्से आम हैं। काकोरी कांड के बाद आजाद कभी हरिशंकर ब्रह्मचारी बने, कभी पंडित जी और कभी अंग्रेज सरकार के अफसर के ड्राइवर भी। क्रांतिकारी दल को मजबूत ....  लेख पढ़ें
प्रतापी महापुरुष पंडित प्रताप नारायण मिश्र की याद में.. गौरव अवस्थी ,  Sep 24, 2021
उन्नाव जनपद के बैजेगांव (अब बेथर) में 165 वर्ष पहले आज ही के दिन पंडित संकटादीन के आंगन में जन्मे भारतेंदु मंडल के प्रमुख लेखक पंडित प्रताप नारायण मिश्र धार्मिक-आध्यात्मिक-साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना के अग्रदूत थे। ब्रिटिश हुकूमत द्वारा लार्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा पद्धति पूरे भारत में लागू किए जाने के विरोध में राजा राममोहन राय और स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा शुरू किए सुधार आंदोलन को आपने हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान का नारा देकर बल दिया। "ब्राह्मण" नामक पत्रिका निकालकर हिंदुओं को पाश्चात्य संस्कृति ....  लेख पढ़ें
डॉ शिवपूजन राय और गाज़ीपुर के शहीद देश के अनसंग हीरो है- अर्जुन राम मेघवाल जनता जनार्दन संवाददाता ,  Aug 19, 2021
18 अगस्त को अमर शहीद डॉ शिवपूजन राय प्रतिष्ठान, दिल्ली और हिंदी श्री पब्लिकेशन के संयुक्त प्रयास से पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले के मोहम्मदाबाद तहसील पर डॉ शिवपूजन राय की अगुवाई में शहीद हुए 8 अमर शहीदों की स्मृति में एक वेबिनार का आयोजन किया गया ....  लेख पढ़ें
चौथी पुण्यतिथि पर विशेष: कवि-राजनेता बालकवि बैरागी का वैराग्य गौरव अवस्थी ,  May 14, 2021
पैदा होने वाले नंदराम दास के जीवन में मां और पिता द्वारा दी गई 'सीख' ही सारी उम्र आदर्श रही. अपाहिज और लाचार पिता के प्रतिभाशाली संतान के रूप में जन्मे बालकवि बैरागी ने साहित्य हो या राजनीति ऊंचे से ऊंचे मुकाम तय किए लेकिन इन पदों को सुशोभित करने के बाद भी ....  लेख पढ़ें
नमन राष्ट्रपिता! क्या महात्मा गांधी को कोई गोली मार सकती है? जनता जनार्दन डेस्क ,  Jan 30, 2021
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की लोकप्रियता आज देश और दुनिया के पार है. वह दुनिया के हर उस व्यक्ति के, लोगों के दिलों में, सत्य में, अहिंसा में, सत्याग्रह में, भाई-चारे में जीवित हैं. दुनिया भर में जब भी मानवता, बराबरी और इंसाफ की, इंसानियत की बात होती है, गांधी हमेशा अमर रहेंगे. ....  लेख पढ़ें
भारत यायावर: एक गंभीर अध्येता का जन्मदिन गौरव अवस्थी ,  Nov 28, 2020
66 वर्ष पहले जन्मे आदरणीय भारत यायावर जी एक गंभीर अध्येता हैं. विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग (झारखंड) में प्राध्यापक रहे भारत यायावर जी ने किताब घर नई दिल्ली से कई खंडों में प्रकाशित आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली का संपादन करके आचार्य द्विवेदी के विविध पक्षों को समाज के सामने प्रस्तुत किया. डॉ नामवर सिंह पर  लिखी गई उनकी जीवनी पुस्तक "नामवर होने का अर्थ" भी साहित्य जगत में काफी चर्चित और प्रतिष्ठित हुई. ....  लेख पढ़ें
अग्निवेश: शांत हो जाना वैचारिक अग्नि की एक सम्मोहक लपट का  त्रिभुवन ,  Sep 12, 2020
अग्निवेश एक अलग तरह के साधु और एक विलक्षण तरह कर सामाजिक नेता थे। उनके व्यक्तित्व में सम्मोहन और उनकी भाषा में एक आज था। वे विवादास्पद भी थे। वे विवादों को निमंत्रित भी करते थे। लेकिन सच में वे मुक्तिवादी और साम्यकामी थे। उनकी उपस्थिति विरोधियों को परेशान करती थी। वे जिज़ समय जीवन के आख़िरी क्षणों में थे, तब कथित हिंदुत्ववादी लोगों ने उन पर अपमानजनक हमला किया। वृद्धों और साधुओं के प्रति सदैव करुणा और दयाशील सनातन धर्म में ऐसा भी संभव है, यह कल्पना से परे है। लेकिन इस दौर में हर असंभव संभव है। अग्निवेश का अपना आर्यसमाज आज दयानन्द सरस्वती के दर्शन से परे भटकता हुआ शीर्षासन मुद्रा में है और पाखंडों का रणसिंघा फूँक रहे जड़मूर्तिपूजकों की उंगली थामे खड़ा है। उसका तेज, तर्क और ....  लेख पढ़ें
स्वामी सहजानन्द सरस्वती: आखिर वर्तमान क्यों नहीं गढ़ पा रहा किसानों का ऐसा मसीहा? गोपाल जी राय/वरिष्ठ पत्रकार और स्तम्भकार ,  Feb 20, 2020
कहते हैं कि वर्तमान में ही इतिहास गढ़ा जाता है। लेकिन यह कैसी विडंबना है कि समकालीन वर्तमान अपने धवल अतीत को पुनः गढ़ पाने में असहाय प्रतीत होता है। यह कौन नहीं जानता कि अमूमन इतिहास खुद को दुहराता है, लेकिन स्वामी सहजानन्द सरस्वती का व्यक्तित्व और कृतित्व अब तक अपवाद स्वरूप है। आगे क्या होगा भविष्य के गर्त में है, पर वर्तमान को उनकी याद सताती है। भले ही उनको गुजरे जमाने हो गए, फिर भी इतिहास खुद को दुहरा नहीं पाया! जबकि लोगबाग बे ....  लेख पढ़ें
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