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किताबें
राष्ट्रपति बनने की अनिच्छा, दोस्तों की बीवियों पर डोरेः फायर एंड फ्यूरी: इनसाइड द ट्रंप व्हाइट हाउस- पुस्तक अंश जनता जनार्दन डेस्क ,  Jan 05, 2018
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनना नहीं चाहते थे. ये दावा अमेरिकी पत्रकार ने अपनी किताब में किया है. अमेरिकी पत्रकार की किताब के मुताबिक, पिछले साल आश्चर्यजनक चुनावी जीत के बाद अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप की आंखों में आंसू थे, लेकिन वो खुशी के आंसू नहीं थे. ....  लेख पढ़ें
'वीरप्पन के पास अद्भुत अतिन्द्रिय ज्ञान था' साकेत सुमन ,  Feb 07, 2017
वीरप्पन के मारे जाने के 13 वर्षो बाद 'ऑपरेशन कोकून' के दौरान उसकी हत्या की योजना बनाने और उसे मूर्त रूप देने वाले तमिलनाडु विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अगुवा रहे एक वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ने कहा है कि खूंखार डाकू के पास एक अदभुत अतिन्द्रिय ज्ञान था। ....  लेख पढ़ें
'हंस' के तेवर को क्या हुआ अनंत विजय ,  Sep 08, 2015
पिछले हफ्ते 28 अगस्त को हिंदी की बहुपठित और प्रतिष्ठित पत्रिका हंस के संपादक और कथाकार राजेन्द्र यादव का जन्मदिन था । आज अगर यादव जी जीवित होते तो वो छियासी साल के होते। करीब दो साल पहले जब उनका निधन हुआ था तब ये सवाल उठा था कि उनके संपादन में निकलनेवाली पत्रिका हंस का क्या होगा । ....  लेख पढ़ें
फोर्ब्स: अमिताभ, सलमान, अक्षय सर्वाधिक कमाऊ अभिनेता जनता जनार्दन डेस्क ,  Aug 06, 2015
फोर्ब्स पत्रिका ने अपनी पहली वैश्विक सूची में महानायक अमिताभ बच्चन, सलमान खान और अक्षय कुमार को दुनिया के सबसे कमाऊ शीर्ष 10 अभिनेताओं में शामिल किया है।इस सूची में हॉलीवुड से लेकर हांगकांग और बॉलीवुड के अभिनेताओं को शामिल किया गया है।अमिताभ और सलमान 3.35 करोड़ डॉलर (पिछले साल) की कमाई के साथ संयुक्त रूप से सातवें पायदान पर हैं। वहीं, बॉलीवुड के 'खिलाड़ी' अक्षय कुमार 3.25 करोड़ डॉलर कमाकर नौवें स्थान पर रहे। ....  लेख पढ़ें
'ई-बुक्स' यानी किताबों का नया संसार जनता जनार्दन संवाददाता ,  Jul 05, 2015
भारत डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है और तकनीक हर क्षेत्र में बदलाव ला रही है। अब तो स्कूल से लेकर कॉलेज तक की किताबें इंटरनेट पर उपलब्ध हो रही हैं। यानी "ई-बुक" किताबों का नया संसार है।ब़डे शहरों से लेकर सुदूर इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए अपने पाठ्यक्रम के मुताबिक मनचाही पुस्तक हासिल करना एक ब़डी समस्या रही है, क्योंकि उन्हें उसी लेखक की पुस्तक से अपनी पढ़ाई करनी होती है, जो उनके नजदीक स्थित किताब विक्रेता के पास सुलभ हो। ....  लेख पढ़ें
पत्रों में समय- संस्कृति अनंत विजय ,  Jun 02, 2015
अभी हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार अत्युतानंद मिश्रा के संपादन में निकली किताब पत्रों में समय संस्कृति देखने को मिली । यह किताब एक जमाने में मशहूर पत्रिका कल्याण के सर्वेसर्वा रहे हनुमान प्रसाद पोद्दार को लिखे पत्रों का संग्रह है । किताब को मैं जैसे जैसे पलटता चलता था मेरा अचंभा बढ़ता जाता था।कल्याण पत्रिका को अब की पीढ़ी नहीं जानती है । बचपन में हमारे घर में कल्याण पत्रिका आती थी । मुझे अब भी याद है कि खाकी रैपर में लिपटी कल्याण को डाकिया एक तय तिथि को हमारे घर दे जाता था । उस वक्त मुझे लगता है कि कल्याण हर घर के लिए जरूरी पत्रिका थी । कल्याण को बाद के दिनों में इस तरह से प्रचारित किया गया कि वो धार्मिक पत्रिका है । ....  लेख पढ़ें
'दुष्कर्म के लिए सिर्फ भारत पर ही निशाना क्यों?' जनता जनार्दन डेस्क ,  Apr 28, 2015
डेनमार्क की डिजाइनर-लेखिका इंगर सॉलबर्ग का कहना है कि दुष्कर्म के लिए सिर्फ भारत को ही निशाना क्यों बनाया जाए, जबकि इस तरह की घटनाएं तो दुनियाभर में होती है। सॉलबर्ग अपनी पहली पुस्तक "पुष्पा" के प्रचार में व्यस्त हैं, जिसमें भारत में उनके जीवन के अनुभवों को पेश किया है। वह पिछले 15 सालों से भारत में रह रही हैं। ....  लेख पढ़ें
ड्रामेटिक जीवन, ड्रामेटिक विरोध अनंत विजय ,  Jan 18, 2015
स्पेनिश लेखक जेवियर मोरो की सोनिया गांधी की फिक्शनलाइज्ड जीवनी कई सालों के अघोषित प्रतिबंध के बाद अब प्रकाशित हुई है । द रेड साड़ी के नाम की इस किताब के प्रकाशन को लेकर कांग्रेस ने खूब हो हल्ला मचाया था । लेखक जेवियर मोरो को कानूनी धमकियां दी गई थी । कांग्रेस उस वक्त सत्ता में थी लिहाजा सोनिया गांधी की इस किताब को हमारे यहां प्रकाशित नहीं होने दिया गया । लगभग चार साल बाद अब स्थितियां बदल गई हैं। ....  लेख पढ़ें
ऑनलाइन बुक स्टोर के खतरे और चुनौतियां अनंत विजय ,  Dec 28, 2014
दो हजार चौदह को किताबों की दुनिया या कहें कि प्रकाशन के कारोबार के लिहाज से भी अहम वर्ष के तौर पर देखा जाएगा। किताबों की दुनिया में दो ऐसी घटनाएं घटी जिसने भारत में कम होती जा रही किताबों की दुकानों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है । पहले मशहूर लेखक चेतन भगत के उपन्यास हाफ गर्ल फ्रेंड के लिए उसके प्रकाशक ने ऑनलाइन बेवसाइट फ्लिपकार्ट से समझौता किया। ....  लेख पढ़ें
बिक्री का व्याकरण अनंत विजय ,  Nov 10, 2014
स्थान था दिल्ली का तीन मूर्ति भवन का ऑडिटोरियम । मौका था वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब- 2014 द इलेक्शन दैट चेनज्ड इंडिया, के विमोचन का । इस कार्यक्रम के पहले ऑडिटोरियम के बाहर किताबें बिक रही थी। वहां आनेवाले लगभग सभी लोगों ने किताबें खरीदी और लेखक से उसपर हस्ताक्षर करवाए । एक अनुमान के मुताबिक विमोचन समारोह के पहले करीब ढाई तीन सौ प्रतियां बिक गई । मैं वहां खड़ा इस बात का आकलन कर रहा था कि अंग्रेजी और हिंदी के विमोचन समारोह और किताबों की बिक्री का व्याकरण कितना अलग है । अमूमन अंग्रजी के किताब विमोचन समारोह में आते लोग किताब खरीदने का फैसला करे आते हैं । लेकिन हिंदी में स्थिति ठीक इसके विपरीत है । ....  लेख पढ़ें
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