महिलाये ही महिलाओ की शत्रु है: कुमारी शैलजा
माधवी श्री ,
Dec 02, 2013, 13:19 pm IST
Keywords: Women power honour Dayawanti Modi women power honour Stree Shakti - The Parallel Force Kumari Selja Emancipation of women Rekha Modi स्त्री शक्ति सम्मान दयावंती मोदी स्त्री शक्ति सम्मान स्त्री शक्ति - दी पैरलल फ़ोर्स कुमारी शैलजा महिलाओ के उत्थान रेखा मोदी
नई दिल्ली: कल दिल्ली में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री कुमारी शैलजा के घर के प्रांगण में आयोजित " स्त्री शक्ति सम्मान" का आयोजन " स्त्री शक्ति - दी पैरलल फ़ोर्स " द्वारा किया गया। इस अवसर पर "दयावंती मोदी स्त्री शक्ति सम्मान " रश्मि सिंह को दिया गया और स्त्री शक्ति विज्ञानं सम्मान अखिल भारतीय आयुर्वेद संसथान की डॉ जया त्यागी को दिया गया।
रश्मि सिंह को यह सम्मान उनके मानवीय सेवा ,शासकीय सेवा में सुधार और महिलाओ के उत्थान में किये गए प्रयासो के लिए दिया गया है। रश्मि सिंह अपनी पुरकार राशि उन युवा लड़कियो की शिक्षा के लिए अर्पित कर दिया है जो रुपये के अभाव में अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख पा रही थी। डॉ जया त्यागी को यह सम्मान उनके क्षय रोग पर किये कार्यो के लिए दिया गया है। डॉ जया त्यागी द्वारा लिखे रिसर्च पेपर अनेक जगह प्रकाशित हुए है और अनेक सम्मान उनको उनके कार्यो के लिए मिले है। पुरकार मिलने के अवसर पर डॉ त्यागी ने कहा कि महिलाओ को पुरुस्कार मिलना बोनस मिलने की तरह है क्यों कि महिलाये प्राय काम करने के लिए काम करती है। अलग से किसी पुरस्कार कि उम्मीद उनेह नहीं होती है। इस अवसर पर स्त्री शक्ति - दी पैरलल फ़ोर्स की अध्यक्षा रेखा मोदी ने कहा कि १९९८ में स्थापित "स्त्री शक्ति" महिलाओ के लिए महिलाओ के द्वारा स्थापित संस्था है। उनोह ने कहा कि उनके विकाश में उनकी माँ का योगदान है और उनकी बेटी के विकाश में उनका योगदान है। महिलाये ही महिलाओ के विकाश में योगदान दे सकती है। रंजना कुमारी ने इस अवसर पर कहा समाज में महिलाओ को सजाया जाता है पर सम्मान नहीं दिया जाता है। उंनोह ने अपने जेंडर अजेंडे को सामने रखते हुए कहा कि ६६ साल बाद भी राजनीती में केवल 11% महिलाये ही है। अंत में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि हम ये लगातार सुनते आये है कि महिलाओ का बहुत सम्मान है पर कई बार ऐसा लगता है कि यह केवल किताबो में ही मिलता है। एक दूसरे को कम से कम हमे एक इंसान समझ कर इज़ज़त करना चाहिए। एक और हमे कहा जाता है कि महिलाओ को सम्मान देना चाहिए पर दूसरी तरफ हम देखते है कि महिलाओ का उत्पीड़न बंद नही हुआ है। बिना तरुण तेजपाल कांड का नाम लिए कुमारी शैलजा ने कहा कि अभी हाल के समय में हम देख रहे है कि पीड़िता को जितना समर्थन महिलाओ से मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है। यही बात पुरुषो को यह कहने का मौका देता है कि महिलाये ही महिलाओ की शत्रु है। |
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